गाजियाबाद:- बढ़ते वायु प्रदूषण का असर स्वास्थ्य पर साफ दिखने लगा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में आंखों में जलन, खांसी, जुकाम और सांस की समस्या से परेशान मरीजों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो गई है। शुक्रवार को जिला एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में कुल 2085 मरीज पहुंचे, जिनमें से 411 मरीज सांस की समस्या से जूझ रहे थे। इसके अलावा बुखार के 426 मरीज और 298 बीमार बच्चे भी अस्पताल में इलाज के लिए आए।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इमरजेंसी में 148 मरीज पहुंचे, जिनमें से 16 वर्षीय धर्मेन्द्र कुमार और 62 वर्षीय धनसिंह की हालत गंभीर थी। दोनों को बुखार और सांस लेने में परेशानी होने के कारण मृत अवस्था में इमरजेंसी में लाया गया, और उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। इन दोनों का शव उनके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया।
ओपीडी में मरीजों की संख्या में पुरुषों और महिलाओं का अनुपात लगभग समान था। 1036 महिलाएं और 751 पुरुष खांसी, जुकाम, बुखार और आंखों में जलन जैसी समस्याओं के साथ अस्पताल पहुंचे थे। अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 101 रही, जिनमें अधिकांश सांस लेने में परेशानी और बुखार से ग्रसित थे।
संयुक्त अस्पताल में भी 885 मरीज पहुंचे, जिनमें 100 बच्चे थे। 49 बच्चों सहित 319 लोगों ने कुत्ता और बंदर के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई।
वहीं, 11 अक्टूबर को वेव सिटी थाना क्षेत्र में लावारिस हालत में मिली एक बच्ची को अस्पताल में भर्ती किया गया था, जिसे अब स्वस्थ होने के बाद 12 अक्टूबर को पुलिस और बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। बच्ची का वजन तीन किलो था, जो अब बढ़कर 3.46 किलोग्राम हो गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर में दौरे के कारण शुक्रवार को ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित रही। अधिकतर चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त थे, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, मुख्यमंत्री के जाते ही राहत की सांस ली गई और अस्पतालों में सेवाएं फिर से सामान्य हो गईं।