साहिबाबाद:- गाजियाबाद में प्रदूषण का स्तर शुक्रवार को भी खतरनाक स्थिति में बना रहा। गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 315 तक पहुंच गया, जबकि लोनी में यह 400 के करीब था। दिनभर स्मॉग की चादर से घिरे शहर में सांस लेना मुश्किल हो गया। यह स्थिति शहरवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य खतरे पैदा कर रही है, खासकर बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए। चिकित्सकों के मुताबिक, इस तरह की हवा में बिना मास्क के बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है।
पिछले दो दिन से लगातार प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ है। गुरुवार को 316 का एक्यूआई दर्ज किया गया था, जबकि शुक्रवार को इसमें सिर्फ एक अंक की गिरावट आई। इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, जीडीए और पीडब्ल्यूएडी जैसे विभागों द्वारा की जा रही प्रयासों के बावजूद प्रदूषण का स्तर में कोई सुधार नहीं हुआ।
नगर निगम और जीडीए को सड़कों पर पानी का छिड़काव करने और कूड़ा जलाने से रोकने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन शहर में कूड़ा जलता हुआ और सड़कों पर धूल उड़ती नजर आई। इसके अलावा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को ग्रैप के नियमों का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन इस दिशा में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर कुछ इस प्रकार था:
वसुंधरा: 339 (बेहद खराब)
इंदिरापुरम: 251 (खराब)
संजय नगर: 273 (खराब)
लोनी: 397 (सर्वाधिक खतरनाक)