शांति की आवाज़: जापान के निहो हिंदाक्यो को मिला नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार 2024:- साल 2024 के लिए जापान के संगठन निहो हिंदाक्यो को शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार परमाणु हथियारों के खिलाफ उनकी निरंतर मुहिम के लिए दिया गया है। संगठन का मानना है कि परमाणु हथियारों का फिर कभी इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, और वे इसके लिए दुनिया भर में जागरूकता फैलाते हैं।
हिबाकुशा की आवाज़
निहो हिंदाक्यो में वे लोग शामिल हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों में जीवित बचे। इन्हें जापानी में हिबाकुशा कहा जाता है। ये लोग अपने अनुभव और पीड़ाओं को साझा करते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस विभीषिका को न भूलें। नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने कहा है कि एक दिन हिबाकुशा हमारे बीच नहीं रहेंगे, लेकिन उनकी यादें और अनुभव हमेशा जीवित रहेंगे।
नोबेल समिति की घोषणा
इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए 286 उम्मीदवारों में से निहो हिंदाक्यो को चुना गया। पिछले साल, ईरान की महिला पत्रकार नरगिस मोहम्मदी को महिलाओं की आज़ादी के लिए उनके संघर्ष के लिए यह पुरस्कार मिला था।
अन्य नोबेल पुरस्कारों की घोषणा
इस सप्ताह में साहित्य, भौतिकी, रसायन विज्ञान, और चिकित्सा के क्षेत्रों में भी नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई। साहित्य का पुरस्कार दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को उनके गहन काव्यात्मक गद्य के लिए दिया गया। भौतिकी का पुरस्कार जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को मशीन लर्निंग में उनके योगदान के लिए मिला।
पुरस्कार की राशि
नोबेल पुरस्कार के तहत विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का नकद पुरस्कार दिया जाता है। यह राशि अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत से आती है, जिनका निधन 1896 में हुआ था।
निहो हिंदाक्यो का यह सम्मान न केवल उनकी यात्रा का एक मील का पत्थर है, बल्कि यह दुनिया को यह याद दिलाने का एक महत्वपूर्ण कदम भी है कि शांति और सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों का निषेध कितना जरूरी है।
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