वीर सावरकर पर विवाद: मंत्री के बयान ने खोला राजनीतिक युद्ध का मोर्चा

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव के वीर सावरकर पर दिए गए विवादित बयान ने राज्य की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। मंत्री ने एक पुस्तक के कन्नड़ संस्करण के विमोचन के दौरान दावा किया कि सावरकर मांसाहारी थे और उन्होंने गोहत्या का विरोध नहीं किया। यह बयान सुनते ही राजनीतिक गलियारों में हंगामा खड़ा हो गया है।
राव के इस बयान पर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि यह हिंदू भावनाओं के खिलाफ एक सोची-समझी रणनीति है। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर सावरकर का अपमान कर रही है, खासकर चुनावी माहौल में।
सावरकर के पोते, रंजीत सावरकर ने भी मंत्री के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह बयान पूरी तरह से झूठा है और वह इसके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की योजना बना रहे हैं। रंजीत ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सावरकर को बदनाम करने की कोशिश कर रही है और यह उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
भाजपा के कई नेताओं ने भी इस मामले में अपनी आवाज उठाई है। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को सावरकर के बारे में सही जानकारी नहीं है और वे बार-बार उनका अपमान कर रहे हैं। वहीं, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मंत्री के ज्ञान पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अपने मानसिक संतुलन को ठीक करने की जरूरत है।
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