मानसून का कहर: पहाड़ों से मैदानों तक, बिहार व बंगाल में भारी बारिश का अलर्ट

उत्तर भारत में मानसून ने एक बार फिर अपनी चादर फैलाते हुए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हिमाचल प्रदेश में बुधवार रात बादल फटने से एक व्यक्ति की जान चली गई, और फसलों को भी व्यापक नुकसान हुआ। साफ मौसम के बाद आई यह अप्रत्याशित बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
उत्तराखंड में बाधित चारधाम यात्रा
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश ने चारधाम यात्रा मार्गों को बाधित कर दिया है। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पांवटा साहिब के कांडो कंसार जंगल में भारी मलबा गिरने से पड़दूनी गांव में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया, जिससे लोग अपने घरों की छतों पर चढ़कर जान बचाने को मजबूर हुए। इस आपदा ने करीब 500 एकड़ धान की फसल को बर्बाद कर दिया।
भूस्खलन से ट्रैफिक जाम
बदरीनाथ हाईवे पर खांकरा और नरकोटा के बीच भूस्खलन ने लगभग 10 किमी लंबा जाम लगा दिया। इस स्थिति में 900 से अधिक वाहन और 5,000 यात्री 11 घंटे तक फंसे रहे। चटवापीपल और कमेड़ा में भी भूस्खलन ने यातायात को बाधित किया, जिससे 500 से अधिक वाहन रुक गए और यात्रियों को भोजन और पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा।
मुंबई और बिहार में भी बाढ़ की स्थिति
मुंबई में तेज बारिश ने जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। मौसम विभाग ने मुंबई और आसपास के जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं, बिहार में मानसून ने सक्रियता बढ़ा दी है, जहां कई जिलों में भारी वर्षा के लिए यलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
सिक्किम में राहत और चुनौती
सिक्किमवासियों ने सितंबर की रिकॉर्ड गर्मी के बाद बारिश से राहत की सांस ली है, लेकिन लगातार बारिश ने भूस्खलन और सड़क बंद होने की समस्याएँ भी खड़ी कर दी हैं।
इन परिस्थितियों ने न केवल फसलों को प्रभावित किया है, बल्कि स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया है। सरकार और संबंधित एजेंसियों को इस स्थिति से निपटने के लिए तत्परता से कार्रवाई करनी होगी, ताकि लोगों की जान और संपत्ति को बचाया जा सके।

 

Exit mobile version