एक साथ चुनाव: क्या समय आ गया है बदलाव की नई शुरुआत

केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है, जिसमें 2029 में पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने का प्रस्ताव शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में वन नेशन-वन इलेक्शन का वादा किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था।
अब, कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधि आयोग भी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव को एक साथ कराने की सिफारिश की जा सकती है। सरकार को इन सिफारिशों के आधार पर संशोधन विधेयक संसद में पेश करना होगा।
कोविंद कमेटी ने 18 संवैधानिक संशोधनों की संस्तुति की है, जिनमें से अधिकांश के लिए राज्य विधानसभाओं की सहमति की आवश्यकता नहीं है। यह केंद्र सरकार के लिए एक राहत की बात है, क्योंकि इससे प्रक्रिया थोड़ी सरल हो जाती है।
अगर सब कुछ सही रहा तो आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश किया जा सकता है। लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद, राष्ट्रपति के पास इसे भेजा जाएगा।
हालांकि, भारत जैसे विशाल देश में एक साथ चुनाव कराना एक बड़ी चुनौती है। चुनाव आयोग को इसके लिए भारी संसाधनों और लंबी तैयारी की आवश्यकता होगी, जिसमें एक समान मतदाता सूची और पहचान पत्र शामिल हैं।
2029 तक वन नेशन-वन इलेक्शन का सपना पूरा करने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है, लेकिन इसके लिए सभी पक्षों की सक्रियता और सहयोग जरूरी होगा।
Exit mobile version