UPPCL की बड़ी चूक: 11 हजार उपभोक्ताओं को भेजे गलत बिल, विभाग ने माना मीटर में गड़बड़ी

साहिबाबाद:- ट्रांस हिंडन क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही ने 11 हजार उपभोक्ताओं को बढ़े हुए और गलत बिलों का सामना करने पर मजबूर कर दिया है। पिछले छह महीनों में इस क्षेत्र के उपभोक्ताओं को अत्यधिक बढ़े हुए बिल मिले हैं, जिनमें अगस्त महीने में अकेले डेढ़ हजार गलत बिल जारी किए गए थे। इस स्थिति ने उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जो अब विभाग की सिस्टमिक गड़बड़ी का शिकार हो रहे हैं।
बिल सुधारने में लंबी समस्याएं
उपभोक्ता लगातार विद्युत निगम के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनके बिल ठीक नहीं हो पा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि समस्या की जड़ मीटर में हो सकती है, इसलिए वे मीटर जांचने की सलाह देते हैं। हालांकि, इस जांच के लिए 600 रुपये का शुल्क भी लिया जाता है, जिसे लेकर कई उपभोक्ता असंतुष्ट हैं। इसके अलावा, उपभोक्ताओं का कहना है कि विद्युत विभाग की गलती की सजा उन्हें भुगतनी पड़ रही है, और कुछ ने तो पैसे लेकर बिल सुधारने का भी आरोप लगाया है।
सजा के रूप में पेनल्टी का डर
उपभोक्ताओं को अब गलत बिलों के साथ-साथ पेनल्टी का भी सामना करना पड़ रहा है। बिजली विभाग ने बिलों पर एक प्रतिशत पेनल्टी का प्रावधान किया है, जो समय सीमा पार हो जाने के बाद लागू होती है। उदाहरण के लिए, जिनका बिल सामान्यतः तीन से चार हजार रुपये आता था, उन्हें अब 10 से 15 हजार रुपये के बिल मिल रहे हैं। इन बढ़े हुए बिलों के साथ पेनल्टी जोड़ने से उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ गई है।
उपभोक्ताओं की निराशा और गुस्सा
ट्रांस हिंडन क्षेत्र में कुल 4.10 लाख घरेलू, व्यवसायिक और किसान उपभोक्ता हैं। हर महीने सात से 22 तारीख के बीच उनके बिल जारी किए जाते हैं, लेकिन हर महीने डेढ़ से दो हजार उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिल मिलते हैं। इस स्थिति ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। शिकायतों और समस्याओं के बावजूद उचित कार्रवाई न होने से उपभोक्ताओं का गुस्सा और निराशा बढ़ती जा रही है।
समाधान की आवश्यकता
इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके और उनका खर्च नियंत्रित रह सके। विद्युत विभाग को अपनी प्रणाली में सुधार करने और उपभोक्ताओं की शिकायतों का तत्काल समाधान करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके और विभाग की छवि को सुधारने की दिशा में कदम उठाए जा सकें।
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