कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में नया मामला सामने आया है। यहां 25 हजार के इनामी बदमाश को थाने से छुड़ाने के लिए बीजेपी के विधायक थाने जा पहुंचे। भीड़ के संग थाने का घेराव किया। अफसरों ने बमुश्किल जांच के बाद कार्रवाई का हवाला देकर मामला रफा-दफा किया। हालांकि इससे पहले विधायक की पुलिस अधिकारियों से तीखी झड़प हुई।
मामला ग्वालटोली थाने का है। दरअसल, 30 मार्च को लोधवाखेड़ा धारमखेड़ा निवासी गुड्डी ने थाने में रिपोर्ट कराई। इसमें कहा कि गांव के चंद्रशेखर, शिवा समेत 8 लोगों ने मेरे बेटे विशाल पर जानलेवा हमला किया है। पुलिस ने हत्या के प्रयास और बलवा समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर चार्जशीट दाखिल कर दी। मुख्य आरोपी शिवा 3 महीने से फरार चल रहा था। पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया। पुलिस ने बुधवार को उसे अरेस्ट कर लिया। शिवा के गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही रात में विठूर विधायक अभिजीत सांगा समर्थकों के साथ थाने पहुंच गए। उनका कहना था कि पुलिस बेगुनाह शिवा को जेल भेज रही। उस पर फर्जी केस बनाया और गलत तरीके से 25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। उसको छोड़ने की मांग करने लगे और समर्थकों के साथ थाने में धरने पर बैठ गए। कार्यकर्ता पुलिस के खिलाफ 4 घंटे तक नारेबाजी करते रहे। हंगामा बवाल को देखते हुए सर्किल फोर्स, एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार और डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम भी मौके पर पहुंच गए।
विधायक बोले थोड़ी तो इज्जत रखिये
डीसीपी सेंट्रल आरएस गौतम ने कहा- आरोपी को किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस जांच में शिवा हत्या के प्रयास का आरोपी है। 3 महीने से फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे कड़ी मशक्कत से अरेस्ट किया। उसे किसी भी सूरत में छोड़ा नहीं जा सकता। इसके बाद विधायक सांगा ने डीसीपी सेंट्रल से कहा मेरी थोड़ी तो इज्जत रख लीजिए, चौकी इंचार्ज को ही सस्पेंड कर दीजिए। डीसीपी उनकी इस मांग को भी खारिज कर दिया। डीसीपी ने कहा-बिना जांच किसी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई नहीं करेंगे। डीसीपी ने विधायक सांगा के आरोप को लेकर एक जांच बैठा दी है। जांच एसीपी कर्नलगंज महेश कुमार को सौंपी गई। तब जाकर चार घंटे बाद रात 1:30 बजे हंगामा बवाल शांत हुआ।