गाजियाबाद। जिले में एक बार फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से डिजिटल अरेस्ट करके लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराकर कार्यवाही की मांग की। सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि उन्हें साइबर अपराधियों द्वारा मनी लांड्रिंग के मामले में नाम शामिल होने और एक साल का जेल भेजने का डर दिखाकर रुपए ठग लिए गए। उन्होंने बताया कि 11.69 लाख रुपए देने के बाद भी उनसे और रुपए की डिमांड की गई तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। साइबर थाना क्राइम पुलिस जांच पड़ताल कर रही है।
साइबर क्राइम थाने में दिए गए शिकायती पत्र में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि उनके पास टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम से मोबाइल फोन पर कॉल आई थी। इस पर फोन करने वाले व्यक्ति यानी साइबर अपराधियों ने उन्हें बताया कि उनके नंबर पर मुंबई में मामला दर्ज है। फोन करने वाले व्यक्ति ने बाद में किसी महिला से बात कराई थी। महिला ने मुंबई पुलिस को कॉल ट्रांसफर करने की बात करके सॉफ्टवेयर इंजीनियर की बात कराई। महिला ने जिस अधिकारी से बात कराई वह खुद को आईपीएस अधिकारी बता रहा था। फोन कॉल पर उन्हें धमकाया गया कि उनके खिलाफ नरेश गोयल नाम के व्यक्ति ने दो करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कराया है इस मामले में करीब 20 लोग शामिल है।
डेबिट कार्ड भी दिखाया बरामद
इतना ही नहीं साइबर अपराधियों ने उन्हें बताया कि उनका डेबिट कार्ड भी नरेश के घर से बरामद हुआ है। इसके बाद वर्दीधारी साइबर अपराधियों ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को वीडियो कॉल पर लेकर कई घंटे तक पूछताछ की। साथ ही उन्हें यह भी डर दिखाया गया कि वह वीडियो कॉल पर पूछताछ की बात को किसी से भी साझा ना करें। साइबर अपराधियों द्वारा पुलिस बनकर की गई पूछताछ से सॉफ्टवेयर इंजीनियर डर गया और उन्होंने 11.69 लाख रुपए साइबर अपराधियों के बताए गए खाते में ट्रांसफर कर। जब और रुपए की मांग की गई तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ। मामले में एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि जिन खातों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा रकम ट्रांसफर की गई उन खातों को सीज कर कराकर पूरे मामले की जांच की जा रही है।