मोदी 3.0 : लगातार तीसरी बार पीएम बने नरेंद्र मोदी, 72 मंत्रियों ने भी ली शपथ

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद नौ जून यानि रविवार को नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। मोदी ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली। उनके साथ 72 मंत्रियों ने भी शपथ ली। इनमें 60 मंत्री भाजपा और 11 अन्य दलों के हैं। मोदी 3.0 पर गठबंधन का असर है। लगातार तीसरी बार पीएम बनने वाले मोदी ने अपना सबसे बड़ी मंत्रिपरिषद बनाया है। कुल 71 मंत्री हैं।

इस बार 30 कैबिनेट मंत्री हैं। 5 कैबिनेट कुर्सी गठबंधन को दी गई है।इनमें तेलुगू देशम के के. राममोहन नायडू, जदयू के ललन सिंह, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी और एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान शामिल हैं। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश से 11 मंत्री हैं। पिछले साल के मुकाबले इस बार कैबिनेट से 36 मंत्रियों को जगह नहीं मिली। कैबिनेट में इस बार 7 महिलाएं शामिल हैं। पहले टर्म में 8 और दूसरे टर्म में 6 महिलाएं थीं। सबसे युवा टीडीपी के राम मोहन नायडू और सबसे बुजुर्ग 79 साल के जीतनराम मांझी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा कैबिनेट में शुरू से भाजपा में रहे 41 लोगों को मंत्री बनाया गया। कांग्रेस या अन्य पार्टियों से भाजपा में आए 13 लोगों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली। 4 ब्यूरोक्रेट्स भी मंत्री बने हैं। 7 राजनीतिक परिवार से आने वाले लोगों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है। मोदी समेत 6 सांसद राजनाथ सिंह, जीतन राम मांझी, एचडी कुमारस्वामी, मनोहर लाल खट्टर, सर्बानंद सोनोवाल, शिवराज सिंह चौहान पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ये सभी अब मंत्री हैं। रवनीत सिंह बिट्टू (पंजाब) और जॉर्ज कुरियन (केरल) दोनों सदनों- लोकसभा और राज्यसभा में सांसद नहीं हैं, फिर भी मंत्री बनाए गए। रवनीत बिट्‌टू पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के पोते हैं। जॉर्ज कुरियन को ईसाई चेहरे के रूप में जगह दी गई है। मोदी 3.0 में 11 राज्यसभा सांसदों को मंत्री बनाया गया। कैबिनेट मंत्रियों में जगत प्रकाश नड्डा, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी शामिल हैं जो राज्यसभा के सदस्य हैं।

32 सांसद पहली बार बने मंत्री
32 सांसद पहली बार मंत्री बने हैं। इनमें बिहार से 5, उत्तर प्रदेश से 4, मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-कर्नाटक से 3-3, कर्नाटक-गुजरात-केरल से 2-2 और पंजाब, हरियाणा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान, दिल्ली, असम, तेलंगाना से 1-1 सांसद शामिल हैं।

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