नोएडा। थाना फेज-1 पुलिस ने नकली एंटीवायरस बेचकर विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग के 12 सदस्य पकड़े हैं। ये सभी सालभर से फर्जी कॉल सेंटर चलाने का दावा कर रहे थे। गैंग का सरगना फिलहाल फरार है। गैंग के पास से पुलिस ने 14 डेस्कटॉप, कीबोर्ड, माउस और सीपीयू, 14 हेडफोन, वाईफाई राउटर और दो सर्वर समेत अन्य सामान बरामद किया है।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि आरोपी अमेरिका, कनाडा और इंग्लैड समेत अन्य देशों के नागरिकों को कॉल करके 100 डॉलर में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचते थे। आरोपियों के पास बड़ी संख्या में यूएसए नागरिकों का डाटा था। जिनको सर्वर के जरिये कॉल किया जाता था। इसके बाद ई-मेल पर लिंक भेजकर प्रोसेसिंग फीस के रूप पैसा जमा करने को कहा जाता था। विदेशी नागरिक जो साॅफ्टवेयर डाउनलोड करने को दिया जाता था वह फेक होता था। आरोपी पैसा गिफ्ट कार्ड या बिटक्वाइन के जरिये लेते थे। यूनिक कोड के जरिये एक बार पैसे रीडिम होने पर कॉल डिस्कनेट कर देते थे। एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि बृहस्पतिवार रात को सेक्टर-2 में विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाला कॉल सेंटर संचालित होने की सूचना मिली थी। पुलिस ने छापा मारकर 12 आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि विदेशी नागरिकों को कॉल कर एमकैफी नॉर्टन नामक एंटीवायरस सॉफ्टवेयर होने की बात बताते थे। सॉफ्टवेयर लैपटॉप व कंप्यूटर में आने वाली समस्याओं का समाधान करता है। आरोपी विदेशी नागरिकों से एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बेचने के नाम पर 100 डॉलर लेते थे। बदले में एक साल तक सेवा देने का दावा करते थे। ई-मेल पर लिंक भेजकर पैसे ट्रांसफर कर लेते। जैसे ही पैसा आरोपियों को मिल जाता था वह सेवा चंद दिन में ही रोक देते थे। सभी आरोपी अमेरिकी एक्सेंट में बात करते थे।
ये है शातिर गैंग
पुलिस द्वारा पकड़े गए शातिर गैंग में पंजाब निवासी ऋषभ शुक्ला, मणिपुर निवासी प्रदीप कुमार प्रधान, झारखंड निवासी हरेंद्र चौधरी, दिल्ली निवासी मोहम्मद राजू, हिमाचल प्रदेश निवासी संदीप कुमार, कानपुर निवासी अविरल गौतम, वाराणसी निवासी के अली हसन, बहराइच निवासी अनुराग तोमर, कुशीनगर निवासी दीपक शर्मा, देवरिया निवासी सौरभ कुमार, पटना निवासी साकेत और संगम विहार निवासी शिवम हैं।