गाजियाबाद। जिले में एक बार फिर करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। इस बार साइबर ठगों ने विदेशी कंपनी में इन्वेस्ट कर अच्छा मुनाफा कमाने का झांसा देकर बीएचईएल कंपनी के उप प्रबंधक 1.35 करोड रुपए की ठगी की है। ठगी के शिकार हुए प्रबंधक ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराकर कार्यवाही की गुहार लगाई है। वहीं पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद मामले में पड़ताल शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि जिन खातों में उप प्रबंधक ने पैसे ट्रांसफर किए हैं। उनकी भी डिटेल खंगाली जा रही है। जल्दी उनका पैसा वापस करने का प्रयास किया जाएगा। बीएचईएल के उप प्रबंधक ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया कि साइबर ठगों उन्हें एक लिंक भेज कर ग्रुप में जोड़कर विदेशी कंपनी में इन्वेस्ट कर कर 5 फ़ीसदी मुनाफा देने की बात कह कर अपने जाल में फंसाया था। साइबर तक नहीं उन्हें लिंक भेज कर एक व्हाट्सएप ग्रुप में भी जोड़ा गया। जिसके बाद उनके पास धनंजय नाम के एक व्यक्ति ने कांटेक्ट किया धनंजय नाम के व्यक्ति ने उन्हें कंपनी में इन्वेस्ट कर 5 फीसदी मुनाफा होने के तरीके बताएं। उन्हें बताया कि यह कंपनी जापान से संचालित है और वह इन्वेस्ट किए गए रूपों से प्रोजेक्ट बनाकर तैयार करती है। जिसका लाभ इन्वेस्टर को भी मिलता है। बहकावे में आकर प्रबंधक ने ऐप डाउनलोड कर सबसे पहले 20 लख रुपए इन्वेस्ट कर दिए। इस तरह से उप प्रबंधक साइबर ठगों के जाल में फंस गए और उन्होंने धीरे-धीरे 1.35 करोड़ रुपए इन्वेस्ट करने के नाम पर ट्रांसफर कर। कई महीने बीतने के बाद जब उन्हें इन्वेस्ट करने का पैसे इन्वेस्ट करने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ तो उन्होंने उसे नंबर पर संपर्क किया जिसने धनंजय बनकर बात की थी, लेकिन वह नंबर बंद हो चुका था। तब उप प्रबंधक को ठगी का एहसास हुआ और उन्होंने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराकर कार्रवाई की गुहार लगाई।
खातों को सीज कर 48 लाख वापस कराए
एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद का कहना है कि पीड़ित की शिकायत पर मुकदमा दर्ज करके जांच पड़ताल की जा रही है। साइबर अपराधियों के खातों को सीज कर 58 लाख रुपए पीड़ित की रकम को वापस करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस लगातार लोगों को साइबर ठगी के प्रति जागरूक करती है। इसके बाद भी लोग लालच में आकर अपनी कमाई गंवा देते हैं। उन्होंने जिले के लोगों से अपील किया कि वह किसी भी तरह के लिंक या किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने के नाम पर धोखाधड़ी का शिकार ना हो।