गाजियाबाद। दारुल उलूम देवबंद द्वारा जारी गजवा-ए-हिंद फतवे को लेकर श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि ने धर्म संसद करेंगे। धर्म संसद गाजियाबाद के शिवशक्ति धाम डासना में 11-12 मई को होगी। इसमें सनातन धर्म के सभी धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया जाएगा और उन्हें इस फतवे के बारे में समझाया जाएगा।
यति नरसिंहानंद गिरि ने शुक्रवार को कहा, ’गजवा-ए हिंद को दारुल उलूम की मजलिस-ए-शूरा ने वैध ठहराया है। इसके बावजूद हिंदू धर्मगुरु और हिंदू विचारक मौन हैं। सभी हिंदू इस स्थिति को लेकर अज्ञान हैं। यही अज्ञान का अहंकार सनातन धर्म को खा जाएगा। आज हमें श्रीराम, श्रीकृष्ण और परशुराम के आदर्श को समझना पड़ेगा। तभी सनातन धर्म और हिंदुओ के बचने का कोई मार्ग निकलेगा। वरना सनातन के शत्रुओं ने गजवा-ए-हिंद की संकल्पना को स्वीकार करके संपूर्ण मानवता को नष्ट करने का अपना संकल्प घोषित कर दिया है।
विचारधारा के समूल नाश की प्रार्थना
धर्म संसद को लेकर यति नरसिंहानंद गिरि ने शुक्रवार को गाजियाबाद के प्राचीन श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर के मुख्य महंत नारायण गिरि से मुलाकात की। उन्होंने इस मंदिर में सनातन धर्म की रक्षा के लिए और गजवा-ए-हिंद पर विश्वास करने वाली विचारधारा के समूल विनाश की प्रार्थना करते हुए पूजा-अर्चना भी की। इस मौके पर डॉ. उदिता त्यागी, यति रामस्वरूपानंद, यति यतींद्रानंद, यति रणसिंहानन्द, अनमोल शिंदे आदि मौजूद रहे।्र