ग्रेटर नोएडा। एक टावर की लिफ्ट में दो परिवार के छह सदस्य पौन घंटे तक फंसे रहे। आलम यह रहा कि अलार्म बजाने और हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने के बाद भी समय रहते मदद नहीं मिली। बाद में दोस्तों से मदद मांगने पर एओए की टीम ने मेंटेनेंस कर्मचारियों की मदद से दोनों परिवार को बाहर निकाला।
सोसाइटी के लोगों ने बताया कि ट्यूलिप टावर निवासी दुर्गेश यादव मंगलवार रात परिवार के साथ कॉमन एरिया में टहल रहे थे। रात करीब 11 बजे वह पत्नी निधि और 6 वर्षीय बेटे विराट के साथ फ्लैट में जाने के लिए लिफ्ट में सवार हुए। उनके साथ एक अन्य दंपती और बच्चा भी साथ था। आरोप है कि दूसरे और तीसरे फ्लोर के बीच में लिफ्ट अचानक अटक गई। काफी देर तक लिफ्ट का अलार्म बजाने और हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने पर भी मदद नहीं मिली। करीब 45 मिनट तक दोनों परिवार लिफ्ट में फंसे रहे। लिफ्ट से ही उन्होंने दोस्तों और एओए के सदस्यों को फोन किया। एओए सदस्यों के मेंटेनेंस टीम को सूचना देने के बाद दोनों परिवार को बाहर निकाला गया। पीड़ितों का आरोप है कि लिफ्ट में फंसने के कारण बच्चे व महिलाएं काफी सहम गई थीं। लिफ्ट में उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत पेश आई थी।
बिजली कटने से रुकी लिफ्ट
वहीं गौड़ ग्रुप के मीडिया प्रभारी का कहना है कि फरवरी में सोसाइटी के रखरखाव की जिम्मेदारी एओए को दी जा चुकी है। अब जिम्मेदारी एओए की है। वहीं एओए के सदस्यों का कहना है कि बिजली जाने से लिफ्ट रुकी थी। समय पर पहुंचकर लोगों को लिफ्ट से बाहर निकाल लिया गया था। लिफ्ट की फिर से जांच कराई जाएगी।