नोएडा। इंडिया बुल्स कंज्यूमर फाइनेंस के नाम पर ऑनलाइन लोन दिलाने वाले फर्जी कॉल सेंटर का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। टीम ने इस गैंग की सरगना समेत आठ लोग पकड़े हैं। इनमें छह महिलाएं शामिल हैं। आरोपी ऑनलाइन तरीके से संपर्क कर ऑनलाइन पेमेंट कराकर ठगी करते थे। आरोपियों के पास से 35 मोबाइल, 17 डेबिट कार्ड, तीन लैपटॉप, टैबलेट और सिमकार्ड समेत कूट रचित दस्तावेज मिले हैं।
यूपी एसटीएफ की टीम ने सेक्टर-63 के सी-चार बिल्डिंग में दबिश देकर फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा। टीम ने सरगना कानपुर देहात निवासी छाया सिंह, बिसरख निवासी प्रिया शुक्ला, हापुड़ निवासी आंचल चौधरी, गाजियाबाद निवासी सुलेखा, नंदग्राम गाजियाबाद निवासी अंकित, कन्नौज निवासी बिजेंद्र प्रताप सिंह, प्रयागराज निवासी अर्चना प्रजापति और मोदीनगर निवासी शिवानी को गिरफ्तार किया। छाया पहले बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी एक कंपनी में काम करती थी। वहीं उसकी मुलाकात गिरफ्तार अन्य आरोपियों से हुई। इसके बाद सभी ने ऑनलाइन लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करने की साजिश रची। इसके बाद आरोपियों ने कूट रचित दस्तावेज तैयार कर लोन कंपनियों के बारे में जानकारी इकट्ठा की। अगस्त 2023 में उल्लास के नाम पर फर्जी आईडी बनाकर सेक्टर-63 में ऑफिस खोल लिया।
प्रीएक्टीवेटेड सिमकार्ड करते हैं उपयोग
छाया सिंह का संपर्क रजत नामक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से है। रजत जस्ट डायल व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लोगों की डिटेल लेकर छाया को भेजता था। इसके बाद प्री एक्टिवेटेड सिम से लोगों को फोन कर खुद को इंडिया बुल्स कंपनी का मैनेजर बताकर लोन होने की बात कहता था। इसके लिए सबसे पहले रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में 4500 रुपये लेते थे। पैसे लेकर कूटरचित अप्रूवल लेटर व्हाट्सएप पर देते थे। इसके बाद अलग-अलग शुल्क के नाम पर कुछ अमाउंट ले लेते थे। रकम लेने के बाद उनसे संपर्क काट लेते थे।
300 से ज्यादा लोग ठगे
छह महीने में 300 से अधिक को ठगा एसटीएफ लखनऊ के एसपी विशाल विक्रम सिंह का कहना है कि इन आरोपियों ने छह महीने पहले इस तरह की ठगी सेक्टर-63 में शुरू की थी। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि अब तक 300 से अधिक लोगों से लोन के नाम पर ठग चुके हैं।