नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर अपना संबोधन दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि इतिहास गवाह है जब भी कांग्रेस आती है महंगाई आती है। कभी कहा गया था कि ’हर चीज़ की कीमत बढ़ जाने की वजह से मुसीबत फैली है, आम जनता उनमें फंसी है। यह नेहरू जी ने लाल किले से कहा था। 10 साल बाद भी महंगाई के यही गीत कहे गए थे। देश का प्रधानमंत्री रहते उन्हें 12 साल हो गए थे, लेकिन हर बार महंगाई काबू में नहीं आ रही है, महंगाई के कारण आपको मुसीबत हो रही है इसी के गीत गाते रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में महंगाई पर दो गाने सुपरहिट हुए मेहंगाई मार गई और महंगाई डायन खाये जात है। ये दोनों गाने कांग्रेस के शासनकाल में आए। यूपीए के कार्यकाल में महंगाई डबल डिजिट में थी, इसे नकार नहीं सकते। उस पर उनकी सरकार का तर्क क्या था? असंवेदनशीलता। यह कहा गया था कि महंगी आइसक्रीम खा सकते हो तो महंगाई का रोना क्यों रोते हो? कहा यह भी कि कांग्रेस को एक अच्छा विपक्ष बनने का बहुत बड़ा अवसर मिला और 10 साल कम नहीं होते। लेकिन 10 साल में उस दायित्व को निभाने में भी वे पूरी तरह विफल रहे। जब वे खुद विफल हो गए तो विपक्ष में और भी होनहार लोग हैं उन्हें भी उभरने नहीं दिया। एक ही प्रोडक्ट बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ताला लगाने की नौबत आ गई है। मैं देख रहा हूं कि आपमें विपक्ष से बहुत लोग चुनाव लड़ने का हौसला भी खो चुके हैं। मैंने सुना है बहुत लोग सीट बदलने की फिराक में हैं। बहुत लोग लोकसभा के बदले अब राज्य सभा में जाना चाहते हैं।
गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए
प्रधानमंत्री ने सदन में कहा कि हमने गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए। शहरी गरीबों के लिए हमने 80 लाख पक्के मकान बनाए। अगर ये कांग्रेस की गति से बने होते तो इस काम को करने में 100 साल लग जाते। तब तक पांच पीढ़ियां गुजर जाती। मैं विपक्ष के संकल्प की सराहना करता हूं। उनके भाषण के एक-एक बात से मेरा और देश का विश्वास पक्का हो गया है कि इन्होंने लंबे अरसे तक वहां विपक्ष में रहने का संकल्प ले लिया है।