इतिहास को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का काम करते हैं डाक टिकट: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पर स्मारक डाक टिकट और दुनियाभर में भगवान राम पर जारी टिकटों की एक पुस्तक जारी की। इस 48 पेज की इस पुस्तक में 20 देशों के टिकट हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल छह डाक टिकट जारी किए हैं। डिजाइन के घटकों में राम मंदिर, चौपाई मंगल भवन अमंगल हारी, सूर्य, सरयू नदी और मंदिर के आसपास की मूर्तियां शामिल हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोस्टल स्टैंप का कार्य हम सभी जानते हैं, लेकिन पोस्टल स्टैंप एक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पोस्टल स्टैंप इतिहास और ऐतिहासिक अवसरों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम भी होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा ने यह भी कहा कि जब आप किसी डाक टिकट को जारी करते हैं और जब कोई इसे किसी को भेजता है तो वह सिर्फ पत्र या सामान नहीं भेजता वे सहज रूप से इतिहास के किसी अंश को भी किसी दूसरे तक पहुंचा देता है। उन्होंने कहा कि ये टिकट केवल कागज का टुकड़ा नहीं है, ये टिकट केवल कोई कला का कार्य नहीं है ये इतिहास की किताबों, कलाकृतियों के रूपों और ऐतिहासिक स्थलों के सबसे छोटा रूप भी होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नमस्कार, राम राम… आज राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अभियान से जुड़े एक कार्यक्रम से जुड़ने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि पोस्टल स्टैंप का एक काम, उन्हें लिफाफों पर लगाना, उनकी मदद से पत्र, संदेश या जरूरी कागज भेजना, लेकिन ये पोस्टल स्टैंप एक अनोखी भूमिका निभाते हैं।

महात्मा गांधी से बड़ा हिंदू मेरी नजर में नहीं
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि महात्मा गांधी से बड़ा हिंदू मेरी नजर में नहीं है, जिस व्यक्ति को गोली लगी, लेकिन फिर भी वे हे राम कहते हुए दुनिया से विदा हुए। उन्होंने कभी राजनीति और धर्म का घालमेल नहीं किया। वे जानते थे कि राजनीति में धार्मिकता धर्मांधता में तब्दील हो जाती है। आज इस देश में कई महीनों से रोजगार पर बात नहीं हो रही है। 2014 में पीएम मोदी रोजगार के वादे पर आए थे, राम मंदिर पर नहीं। वे जानते हैं वे असफल हुए तभी उन्होंने इससे अपनी असफलता को छुपाने की कोशिश की है।

22 जनवरी को राजनैतिक समारोह
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि भारत में मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर, बौद्ध विहार, जैन मंदिर भी है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, सभी का जश्न मनाते हैं। 22 जनवरी का समारोह एक राजनैतिक समारोह है। इसलिए कांग्रेस पार्टी ने कहा कि हम इस स्थिति में नहीं हैं कि यह निमंत्रण स्वीकारें, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर नहीं जा सकते। हम धर्म विरोधी नहीं है, हम असली लोग हैं जो धर्म का पालन करते हैं क्योंकि धर्म का राजनीतिकरण करना धर्म को नीचे गिराता है, यह भाजपा, आरएसएस करती है।

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