राहुल गांधी के संसद में बयान पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का पलटवार

4 फरवरी 2025: संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारत-चीन सीमा विवाद पर दिए गए बयान को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। राहुल गांधी ने 3 फरवरी को लोकसभा में कहा था कि चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे नकार रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भारतीय सेना ने भी इस पर सहमति व्यक्त की है, जबकि सरकार इस सच्चाई को छिपा रही है।
इस बयान के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राहुल गांधी पर जोरदार पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राहुल गांधी ने सेना प्रमुख के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है और इस तरह के झूठे आरोप लगाने से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना राजनीति को बढ़ावा मिलता है।
रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी के आरोपों को किया खारिज
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि सेना प्रमुख की टिप्पणी में केवल दोनों देशों की पारंपरिक गश्त में हुए व्यवधान का उल्लेख किया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में हुई सैन्य वापसी के तहत इन गश्त प्रथाओं को फिर से बहाल कर दिया गया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सभी विवरण पहले ही संसद में साझा किए हैं, इसलिए राहुल गांधी का यह दावा कि सेना सरकार से असहमत है, पूरी तरह निराधार है।
“सेना प्रमुख ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया” – राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने आगे लिखा कि राहुल गांधी ने सेना प्रमुख के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी की तरफ से सेना प्रमुख के लिए कहे गए शब्द कभी भी सेना प्रमुख ने नहीं कहे थे। यह अत्यंत खेदजनक है कि वह राष्ट्रीय हित जैसे गंभीर मुद्दों पर गैर-जिम्मेदार राजनीति कर रहे हैं।”
रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई भारतीय क्षेत्र है जिसमें चीन ने घुसपैठ की है, तो वह 1962 के युद्ध के दौरान अक्साई चिन में 38,000 वर्ग किमी क्षेत्र है, जिसे चीन ने हड़प लिया था। इसके अलावा, 1963 में पाकिस्तान ने अवैध रूप से 5,180 वर्ग किमी भारतीय भूमि चीन को सौंप दी थी। राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी को सुझाव दिया कि वे भारत के इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय पर आत्मचिंतन करें।
राहुल गांधी का सरकार पर हमला
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने लोकसभा में चीन की सीमा पर आक्रामकता को लेकर भी सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जबकि सेना अधिकारियों के बयानों में कुछ और ही सामने आ रहा है।
राहुल गांधी का यह बयान संसद में विपक्ष और सरकार के बीच एक बड़े टकराव की वजह बन गया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी झूठी सूचनाओं के आधार पर सेना और सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताते हुए सरकार से पारदर्शिता की मांग की है।
सीमा विवाद पर बढ़ती सियासत
भारत-चीन सीमा पर तनाव कोई नया मुद्दा नहीं है। 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर की कई बातचीत हो चुकी हैं, जिनमें कुछ क्षेत्रों से सेनाओं की वापसी हुई है। हालांकि, विपक्ष बार-बार सरकार पर यह आरोप लगाता रहा है कि वह चीन के आक्रामक रुख को लेकर स्पष्ट रुख नहीं अपना रही है।
राहुल गांधी और राजनाथ सिंह के इन बयानों के बाद यह साफ हो गया है कि चीन के साथ सीमा विवाद न सिर्फ सैन्य स्तर पर बल्कि राजनीतिक स्तर पर भी एक प्रमुख बहस का विषय बना हुआ है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद और देश की राजनीति में और गरमाने की संभावना है।
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