गाजियाबाद: मुन्ना बजरंगी हत्याकांड की चार्जशीट कोर्ट ने लौटाई, पुख्ता साक्ष्य संकलन का आदेश

गाजियाबाद। माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट को गाजियाबाद की विशेष अदालत ने लौटा दिया। अदालत ने विवेचक से कहा है कि वो ठोस सुबूतों के साथ फाइल कंप्लीट करके चार्जशीट कॉपी पुनः पेश करें।

9 जुलाई 2018 को उत्तर प्रदेश की बागपत जेल के अंदर प्रेमप्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। बसपा के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में मुन्ना बजरंगी की बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी, इसलिए उसको 8 जुलाई 2018 को ही झांसी जेल से लाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुन्ना बजरंगी के शरीर में 12 गोलियों के निशान पाए गए थे। इसी जेल में बंद गैंगस्टर सुनील राठी ने बजरंगी की हत्या करना स्वीकारा था। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके सीबीआई से जांच की मांग की थी। फरवरी-2020 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस हत्याकांड की जांच का आदेश दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने इस केस में बागपत से अरविंद, बल्लू व एक अन्य को भी गिरफ्तार किया था।

चार जनवरी को दाखिल हुई थी चार्जशीट
सीबीआई ने इस केस में 4 जनवरी 2024 को गाजियाबाद की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी, लेकिन अदालत के नहीं बैठने के कारण उस दिन सुनवाई नहीं हो पाई। गुरुवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन अदालत ने आज भी इस पर संज्ञान नहीं लिया। सूत्रों ने बताया, अदालत ने सीबीआई को चार्जशीट की फाइल वापस लौटा दी है और पूरे सुबूत के साथ पुनः चार्जशीट पेश करने के लिए कहा है।

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