गाजियाबाद: ठेका निरस्त फिर भी नगर निगम के नाम पर अवैध वसूली, दो गिरफ्तार

गाजियाबाद। जिले में नगर निगम के नाम पर अवैध वसूली कर धोखाधड़ी करने वाले दो अभियुक्तों को थाना सदर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार दोनों लोगों के पास से फर्जी पर्ची भी बरामद हुई है। यह दोनों ठेका निरस्त होने के बाद भी अवैध वसूली कर रहे थे। पुलिस पूरे प्रकरण की बारीकी से जांच कर रही है।

नगर निगम गाजियाबाद में तैनात कार्यवाहक संपत्ति लिपिक राजकुमार ने थाना सदर कोतवाली में नगर निगम के नाम पर अवैध वसूली करने के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि फर्जी पर्ची बनाकर नगर निगम की मोहर लगाकर जिले में आने वाले वाहनों से अवैध वसूली व पार्किंग शुक्ला वसूला जा रहा है। जबकि अवैध वसूली करने वाले लोगों का ठेका नगर निगम से पहले ही समाप्त हो चुका है। पुलिस ने जांच पड़ताल की तो अभियुक्त राजेश व प्रभाकर सैनी को गिरफ्तार किया, जिनके पास से नगर निगम फर्जी वसूली पर्चियां बरामद हुई। पुलिस ने राजेश व प्रभाकर सैनी को अमृत स्टील कंपाउंड के पास से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार राजेश और प्रभाकर सैनी पर पुलिस शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। यह लोग नगर निगम से ठेका निरस्त होने के बाद भी वाहनों और पार्किग स्थलों से अवैध वसूली करके लाखों रुपए का धोखाधड़ी करते थे। धोखाधड़ी की शिकायतें नगर निगम को पिछले काफी समय से मिल रही थी। इसके बाद पुलिस से शिकायत की गई और पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

पुरानी पर्ची देखकर बनवाई थी फर्जी पर्चियां
गिरफ्तार दोनों लोगों ने बताया कि नवंबर 2022 में ही उनका नगर निगम द्वारा किया गया। ठेका खत्म हो गया था। इन लोगों के पास पुरानी पर्ची थी उन्हें देखकर इन्होंने नई पर्ची बनवा ली और फर्जी मोहर लगाकर ट्रक वालों से वसूली करने लगे। क्योंकि बाहर से आने वाले ट्रक चालकों को यह नहीं पता होता था कि यह पार्किंग या एंट्री पर अवैध रूप से वसूली हो रही है। इन लोगों ने लोकल के एक तो व्यक्ति से भी अवैध वसूली की जिसके बाद खुलासा हुआ।

एक साल से चल रहा था अवैध वसूली का खेल
नगर निगम और पुलिस को नजरअंदाज कर एक साल से अवैध वसूली का खेल चल रहा था। जिसकी भनक नगर निगम गाजियाबाद को भी नहीं थी और न ही पुलिस ने इस कभी ध्यान दिया। अवैध वसूली का पूरा खेल में अब तक यह लोग करोड़ों रुपए लोगों से वसूल चुके हैं, लेकिन खुलासा होने के बाद अब इनकी अवैध उगाई का सिस्टम बंद हो गया और उन्हें पुलिस नहीं गिरफ्तार कर लिया है।

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