गाजियाबाद। कांग्रेस के वरिश्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बड़ा बयान दे डाला। कहा कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें राम मंदिर से नहीं, राम से भी नफरत है। हिन्दुत्व से नहीं, हिन्दू शब्द से नफरत है। वो हिन्दू धर्मगुरुओं का अपमान करना चाहते हैं। उनको अच्छा नहीं लगता कि कोई हिन्दू धर्मगुरु पार्टी में रहे।
गाजियाबाद के साहिबाबाद में शुक्रवार को अपने आवास पर प्रमोद कृष्णम ने कहा, जीसस को न मानने वाला ईसाई नहीं हो सकता। मोहम्मद को न मानने वाला मुसलमान नहीं हो सकता। ठीक उसी प्रकार जो राम से नफरत करता हो, वो हिन्दू नहीं हो सकता। सारी दुनिया जानती है राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास हुए हैं, उससे करोड़ों सनातन धर्म को मानने वालों की आस्था को ठेस पहुंची है। मुझे नहीं लगता कि अब इस रहस्य पर कोई पर्दा गिरा रह गया है कि राम से नफरत कौन करता है।
कांग्रेस हिंदू विरोधी नहीं
प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हूं। इसका मतलब ये नहीं कि सच को सच और झूठ को झूठ न कहा जाए। कांग्रेस हिन्दू विरोधी नहीं है। वो महात्मा गांधी की पार्टी है। जिनकी हर प्रार्थना सभा की शुरुअत रघुपति राघव राजा राम…से होती थी। कांग्रेस अगर हिन्दू विरोधी होती तो महात्मा गांधी की फॉलोअर नहीं होती। राजनीति में भाषा सांकेतिक होती है। मेरी किसी से निजी दुश्मनी नहीं है। लेकिन जो मैंने महसूस किया है, वो ये कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें राम मंदिर से नहीं, राम से भी नफरत है। हिन्दुत्व से नहीं, हिन्दू शब्द से नफरत है।
हो सकता है न हो हिंदुओं की जरूरत
पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णम को स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया है। इस सवाल पर उन्होंने कहा, नाराजगी का तो कोई कारण नहीं है। हो सकता है कि उन्हें हिन्दुओं के समर्थन की जरूरत ना हो। किसी हिन्दू धर्मगुरु को स्टार प्रचारक बनाने का जो मकसद होता है, उन्हें उसमें कुछ कमी नजर आ रही हो। ये पार्टी का फैसला है।