बुलंदशहर। आईबी के रिटायर्ड कांस्टेबल रामभूल हत्याकांड के एक आरोपी को मुठभेड़ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने हत्या का गुनाह तो कबूला ही, साथ ही जब वारदात की वजह बताई तो पुलिस भी भौंचक्की रह गई। आरोपी का कहना था कि पिता ने मरते वक्त कहा था कि रामभूल के कारण वह 30 साल तक भटकते रहे। बस इसी बात पर रामभूल को ठिकाने लगा दिया।
एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि 30 अक्तूबर को धान बेचकर लौट रहे गांव भैंसरौली निवासी आईबी के रिटायर्ड हेडकांस्टेबल रामभूल की गोली बरसाकर हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद बदमाश हवा में हथियार लहराते हुए फरार हो गए थे। आरोपियों को पकड़ने के लिए सलेमपुर पुलिस टीम शनिवार रात को गश्त कर रही थी। इसी दौरान शिवाली-भैंसरोली मार्ग पर एक बाइक पर दो युवक आते दिखे। दोनों को रुकने का इशारा किया तो आरोपी बाइक लेकर वापस भागने लगे। गांव भैंसरोली के पास सड़क किनारे लगे एक हैंडपंप से उनकी बाइक टकराकर गिर गई। पुलिस को आता देखकर आरोपियों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई के दौरान एक बदमाश के पैर में गोली लगी, जबकि दूसरे को पीछा करते हुए दबोच लिया। गोली लगने से घायल बदमाश की पहचान शिवकुमार और उसके भाई मुकेश निवासी भैंसरोली के तौर पर हुई। आरोपियों के पास से पुलिस ने दो तमंचा, कारतूस और बाइक बरामद की है। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी मुकेश मृतक रामभूल के पिता व दो भाईयों की हत्या के बाद 30 साल से फरार चल रहा था।
30 साल से चल रही थी अदावत
पुलिस ने बताया कि रामभूल और आरोपी मुकेश का परिवार आपस में रिश्तेदार हैं। रामभूल गांव भैंसरोली स्थित अपने ननिहाल में रहता था। दोनों पक्षों में करीब 30 साल से रंजिश चली आ रही थी। वर्ष 1992 में दोनों पक्षों की रंजिश बढ़ी थी और पहली बार एक हत्या हुई थी। इसके बाद वर्ष 1993 में हत्या हुई। इसमें एक मामले में आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई तो दूसरे मामले में रामभूल समेत अन्य आरोपी कोर्ट से बरी हो गए थे।
तीन आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस पूछताछ में आरोपी मुकेश ने बताया कि करीब तीन माह पहले उसके पिता की मौत हुई। उसका परिवार पिछले 30 साल से घर से फरार हैं। मरते समय उसके पिता ने कहा था कि रामभूल के कारण वह घर से बाहर भटकने के लिए मजबूर हैं, उसे मत छोड़ना। पिता की मौत के बाद मुकेश ने अपने भाई, बहनोई, भांजे और भांजे के दोस्त के साथ मिलकर रामभूल की हत्या की पटकथा लिखी थी। मुकेश और शिवकुमार को तो पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन तीन अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।