इजराइल-हमास वार: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जताई चिंता

ब्राजील। इजरायल-हमास के बीच 7 अक्टूबर से छिड़े युद्ध को दो हफ्ते हो गए हैं। इजरायल ने हमास को मिटाने के लिए एयर-स्ट्राइक्स में गाजा की सैकड़ों इमारतें तबाह कर दीं और अब गाजा में जमीनी कार्रवाई की तैयार कर ली है। इजरायल व हमास युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक भी की गई है।

ब्राजील की अध्यक्षता में हुई बैठक में अमेरिका ने आतंकी संगठनों को संरक्षण देने वाले देशों की आलोचना की। सुरक्षा परिषद की बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल के खिलाफ हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों और मुंबई में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के बीच समानता बताई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा आतंकवाद के सभी कृत्य गैरकानूनी और अनुचित हैं। चाहे वे नैरोबी या बाली में, मुंबई, न्यूयॉर्क या किबुत्ज़ बेरी में लोगों को निशाना बनाते हों। वे गैरकानूनी और अनुचित हैं। चाहे वे आईएसआईएस द्वारा किए गए हों, बोको हराम द्वारा, लश्कर ए तैयबा द्वारा, या हमास द्वारा किए गए हों। पीड़ितों को उनकी आस्था, जातीयता, राष्ट्रीयता या किसी अन्य कारण से निशाना बनाया गया हो, वे गैरकानूनी और अनुचित हैं। उन्होंने कहा कि इस परिषद की जिम्मेदारी है कि हमास या ऐसे भयानक कृत्यों को अंजाम देने वाले किसी भी अन्य आतंकवादी समूह को हथियार, धन और प्रशिक्षण देने वाले सदस्य देशों की निंदा करें। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह भी कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 7 अक्टूबर को हमास ने जिन 1,400 से अधिक लोगों की हत्या की, उनमें 30 से अधिक संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों के नागरिक थे। पीड़ितों में कम से कम 33 अमेरिकी नागरिक शामिल हैं। जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने इस संकट की शुरुआत से ही स्पष्ट कर दिया है। जबकि इज़राइल के पास अपनी रक्षा करने का अधिकार है, वास्तव में दायित्व भी है।

भारत ने भी की हमास की निंदा
इस बीच संयुक्त राष्ट्र परिषद में भारत ने अपना पक्ष रखा। यूएन में भारत के उप-स्थाई प्रतिनिधि आर रविंद्र ने बैठक के दौरान नागरिकों के जीवन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और संघर्ष में नागरिकों के जीवन के बारे में चिंतित है। हम इस्राइल पर हुए हमले की निंदा करते हैं।
राजदूत आर रविंद्र ने आगे बताया कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले वैश्विक नेताओं में से एक थे, जिन्होंने निर्दाेष लोगों के जीवन को लेकर चिंता जाहिर की और संवेदनाएं व्यक्त कीं। भारत संकट के इस काल में इस्राइल के साथ खड़ा है। आतंकियों का सामना करने वाले लोगों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। हम घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं। दोनों पक्षों के नागरिकों के बारे में चिंतित होना चाहिए। हमें महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के बारे में तो सोचना ही चाहिए।

फिलिस्तीन ने रखा अपना पक्ष
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बैठक में इज़रायल-हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मलिकी ने कहा आज जब तक प्रतिनिधि अपना भाषण देंगे, तब तक 60 बच्चों समेत 150 फिलिस्तीनी मारे जा चुके होंगे। पिछले दो सप्ताह में 5,700 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। जिनमें 2,300 से अधिक बच्चे और 1,300 महिलाएं शामिल हैं। अधिक अन्याय और अधिक हत्याओं से इज़राइल सुरक्षित नहीं बनेगा। कोई भी हथियार, कोई गठबंधन इसकी सुरक्षा में योगदान नहीं देगा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, इजरायल के विदेश मंत्री एली कोहेन, फलस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा और फ्रांस की यूरोप और विदेश मामलों की मंत्री कैथरीन कोलोना समेत अन्य ने भाग लिया।

Exit mobile version