गाजियाबाद। देश की पहली हाईस्पीड रैपिड ट्रेन नमो भारत में टिकट लेकर मौज मस्ती करने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा। दरअसल 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिले के लोगों को रैपिड ट्रेन नमो भारत की सौगात दी थी। इसके बाद 21 अक्टूबर से आम लोगों को ट्रेन की सुविधा मिलना शुरू हो चुकी है।
दो दिनों बाद हीे एनसीआरटीसी की ओर निर्देश जारी किए गए हैं कि रैपिड ट्रेन नमो भारत का टिकट 1 घंटे के लिए ही वैध रहेगा। ट्रेन में या स्टेशन परिसर में एक घंटे से ज्यादा समय बीतने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। एनसीआरटीसी के अधिकारी राजीव कुमार ने बताया रैपिड ट्रेन नमो भारत साहिबाबाद से दुहाई के बीच 20 मिनट का समय लगता है। ऐसे में कुछ लोग टिकट लेकर ट्रेन में मौज मस्ती करने लगते हैं। जिसको लेकर जुर्माना लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी जुर्माना राशि तय नहीं की गई है, जल्दी जुर्माना राशि भी तय की जाएगी। 21 अक्टूबर से शुरू हुई रैपिड ट्रेन नमो भारत में लगभग रोजाना 10000 लोग सफर कर रहे हैं। इनमें तमाम लोग ऐसे हैं जो एक बार टिकट लेने के बाद सफर पूरा करते हैं और बाकी टाइम स्टेशन परिसर में यहां-वहां घूमकर बिताते रहते हैं। इससे स्टेशन पर भीड़ भी अधिक रहती है। साथ ही अव्यवस्था बढ़ने की आशंका भी हो जाती है। इन हालात में यह तय किया गया है कि टिकट खरीदने के बाद उसकी वैद्यता एक घंटा रहेगी। इस अवधि में यात्री को प्लेटफार्म से एक्जिट करना पड़ेगा। अन्यथा की स्थिति में उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।
मस्ती में कर रहे ट्रेन का सफर
21 अक्टूबर से रैपिड ट्रेन नमो भारत का संचालन शुरू हुआ है। जिसके बाद से गाजियाबाद जिले के लोगों में ट्रेन के प्रति उत्साह है। शुरुआती दौर में यहां के लोग इंजॉय करने के उद्देश्य से भी ट्रेन का सफर कर रहे हैं। रैपिड ट्रेन नमो भारत मेट्रो से काफी अलग है। इसलिए लोग ज्यादा सफर कर रहे हैं। हालांकि तमाम यात्री ऐसे हैं जो अपनी नौकरी समेत जरूरी कामों के लिए इस ट्रेन में सफर करते हैं। इन यात्रियों की सुविधा के लिए ही मौज-मस्ती करने वालों पर जुर्माने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
दिल्ली से मेरठ रूट पर काम में आई तेजी
रैपिड ट्रेन नमो भारत का संचालन दिल्ली के सराय काले खान से मेरठ तक होना है। पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक यह ट्रेन चलाई गई है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का दावा है कि 2025 तक दिल्ली और मेरठ के बीच का भी सफर आसान हो जाएगा और यहां भी जल्द ट्रेन दौड़ती दिखेगी। इससे लोगों का ईंधन व वक्त दोनों बचेंगे। इतना ही नहीं किराया भी ऐसा रहेगा कि लोगों को निजी वाहन की अपेक्षा काफी सस्ता पड़ेगा।