नोएडा। देश के बेहद सनसनीखेज निठारी कांड के आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को शुक्रवार को जेल से रिहा किया गया। वह ग्रेटर नोएडा की लुकसर जेल में बंद था। चार दिन पहले ही उसे इलाहबाद हाइकोर्ट ने बरी किया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से बरी होने के बाद आज जिला जेल में मोनिंदर की रिहाई की कागजी कार्यवाही पूरी हुई। इसके बाद उसे जेल से रिहा कर दिया गया। इससे पहले मोनिंदर पंढेर का दूसरा परवाना शुक्रवार की सुबह गौतमबुद्ध नगर जिला जेल पहुंचा। इस दौरान जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। इसे कवर करने बड़ी संख्या में मीडिया भी जेल के बाहर मौजूद रही। हालांकि, निकलने के बाद पंढेर ने किसी से बात नहीं की। वह अपने वकील का हाथ पकड़कर जेल से बाहर आया फिर कार में बैठकर जेल से रवाना हो गया। साल 2006 में हुए इस कांड में 16 अक्टूबर को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मोनिंदर को बरी किया था। अपने वकील के साथ मोनिंदर सिंह पंढेर जिस गाड़ी से गया है। उसका नंबर उत्तराखंड का है। दूसरी तरफ निठारी में पंढेर की कोठी के पास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। हालांकि, कहा जा रहा है कि पंढेर चंढीगढ़ के लिए रवाना हुआ है। यहां उसका बेटा और परिवार के अन्य लोग रहते हैं। फिलहाल, इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी है।
कोर्ट ने कुल 14 केस में किया था बरी
नोएडा के निठारी कांड में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर की अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर ली थी। गाजियाबाद की ब्ठप् कोर्ट ने उन्हें पहले फांसी की सजा सुनाई थी। इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। निठारी मामले में टोटल 14 केस में हाईकोर्ट ने दोषियों को बरी कर दिया था। इसमें कोली को 12 और पंधेर को 2 मामलों में राहत मिली। हालांकि, कोली को सुप्रीम कोर्ट ने एक केस में फांसी की सजा सुनाई है। जो फिलहाल बरकरार रहेगी। ये फैसला जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एसएचए रिजवी की बेंच ने सुनाया है। लंबी चली बहस के बाद अपीलों पर फैसला सितंबर में सुरक्षित कर लिया गया था।
इसी साल जून में हुई थी शिफ्टिंग
इसी साल जून में पंडेर को गाजियाबाद की डासना जेल से लुक्सर लाया गया था। बीमार होने के चलते उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निठारी नरसंहार में सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा पाए सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को दोषमुक्त करार दिया था। मोनिंदर सिंह पंधेर की वकील मनीषा भंडारी ने कहा, सेशन कोर्ट की फांसी की सजा के फैसले के खिलाफ अपील दाखिल की थी। दोनों मुकदमों में पंधेर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी किया है। अब पंधेर के खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है। कुल छह मुकदमों में सेशन ट्रायल थे। एक मुकदमा 2010 में हाईकोर्ट रद्द कर चुका है। तीन में सेशन कोर्ट ने बरी किया था। दो मुकदमों में फांसी हुई थी, जिनमें पंधेर बरी हुए हैं।