तीन मासूमों के हत्यारों को सजा ए मौत, जुर्माना

बुलंदशहर। कोर्ट ने तीन बच्चों की हत्या के मामले में चार साल बाद तीनों आरोपियों को दोशी पाते हुए फांसी की सजा सुनाई है। फैसला सुनाते वक्त अदालत ने प्रत्येक पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी डाला है।

बुलंदशहर के फैसलाबाद निवासी हाफिज के घर में रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन 24 मई 2019 को किया गया था। इफ्तार के बाद तीनों बच्चे घर के बाहर खेल रहे थे। रात 10 बजे हाफिज की बेटी अलीबा (8) उसके पड़ोसी आलम की बेटी आसमा (7) और हसीन का बेटा अब्दुल (8) अचानक लापता हो गए। बच्चों के घरवालों और रिश्तेदारों ने आस-पास बच्चों की तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। रात में परिजनों ने बच्चों की गुमशुदगी की सूचना नगर कोतवाली में लिखित रूप से दे दी। मगर थाने के मुंशी ने सूचना को अफसरों को देने के बजाय दबा दिया। 25 मई की सुबह तीनों बच्चों के शव घर से 7 किलोमीटर दूर धतूरी गांव के एक ट्यूबवेल में लहूलुहान अवस्था में पड़े मिले थे। इसके बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि बच्चों को 2-2 गोलियां यानी 6 गोलियां मारी गई थीं। मामले में कोतवाल ध्रुव दुबे और मुंशी अशोक की लापरवाही उजागर होने पर दोनों को सस्पेंड किया गया। वहीं पुलिस ने पीड़ित परिवार के घर के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, तो बच्चे साढ़े 9 बजे तक घर के बाहर खेलते हुए दिखाई दिए।प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रात करीब 9.45 बजे तीनों बच्चों को तीन युवकों को ले जाते हुए देखा गया था। इसके बाद अधिकारियों ने पुलिस टीमों का गठन किया।

इफ्तार में नहीं बुलाया तो मार डाले मासूम
ट्रिपल मर्डर केस का मुख्य आरोपी जहांगीराबाद थाने के जलीलपपर गांव का रहने वाला सलमान है। पुलिस पूछताछ में सलमान ने बताया था कि उस दिन इफ्तार पार्टी में उसे नहीं बुलाया गया था। इसके बाद भी वह इफ्तार में पहुंचा था। लिहाजा, उसे वहां से भगा दिया गया। पार्टी में की गई बेइज्जती का बदला लेने के लिए उसने ऐसा किया। उसने यह भी कबूला कि एक केस में जमानत के लिए उसे पैसे की जरूरत भी थी। इसके लिए मैंने दो दोस्तों बिलाल और इमरान को बुला लिया। दोनों बाइक से हाफिज के मोहल्ले पहुंचे। यहां उसकी बेटी अलीबा दो बच्चों के साथ खेल रही थी। इसके बाद तीनों को एक साथ घुमाने के बहाने उठा लिया। मगर तीनों लगातार रो हो रहे थे। इसलिए गुस्से में आकर तीनों को गोली मार दी। वरना उनके परिजनों से फिरौती वसूलते।

एक को बरी किया गया
इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश करते हुए साजिद नाम के आरोपी को साजिश रचने का आरोपी बनाया। कोर्ट में साजिद के खिलाफ सबूत नहीं मिले। लिहाजा, साजिद को बेगुनाह मानते हुए बरी कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित परिवारों ने शुक्रिया अदा किया है। हत्यारों को सजा मिलने पर 3 बच्चों ने घरवालों के खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा- हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा था। हमें न्याय मिला है।

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