गाजियाबाद। डेंगू का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस बीमारी की चपेट में आकर सरकारी चिकित्सक की जान चली गई। कहने को तो उनका हर संभव इलाज किया गया लेकिन डेन-2 स्ट्रेन पर काबू नहीं पाया जा सका। नतीजतन उनके मल्टीपल आर्गेन डैमेज हो गए थे।
सरस्वती बिहार में स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. आदित्य (32) को पिछले दिनों बुखार आया था। 16 सितंबर को अचानक हालत बिगड़ गई और निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां जांचें हुईं तो पता लगा कि डॉ. आदित्य डेंगू की चपेट में आ गए हैं। डेन-2 स्ट्रेन की पुश्टि होने के बाद डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया लेकिन हालत लगातार बिगड़ती रही। ज्यादा गंभीर स्थिति देख वहां से उन्हें रेफर कर दिया तो परिवार वालों ने मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां लगातार उनका इलाज चल रहा था लेकिन शुक्रवार को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
रिकवर नहीं हो रहे थे प्लेटलेट्स
डॉक्टरों ने बताया कि डॉ. आदित्य के प्लेटलेट्स काफी कम हो गए थे। रिकवरी नहीं हो पा रही थी। प्रयास काफी किए लेकिन नतीजा शून्य रहा। वहीं डेन-2 स्ट्रेन के कारण उनके मल्टीपल आर्गेन लीवर, किडनी फेल हो गए थे। नतीजतन उनकी मौत हो गई।
घर-घर डेंगू-बुखार के मरीज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यहां 811 डेंगू पाजीटिव मरीज हैं। सभी का इलाज चल रहा है। कुछ सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं तो कुछ निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। ये वो आंकड़ें हैं, जो सरकारी अस्पताल की जांच के बाद सामने आए हैं। जबकि निजी अस्पतालों में कितने मरीज हैं, इसकी जानकारी महकमे के अफसरों को भी नहीं है। आलम यह है कि घर-घर बुखार, मलेरिया, डेंगू के मरीज हैं।