यहूदियों व हमारा एक ही दुश्मन, हमें इजराइल में बसा दो: महामंडलेश्वर

गाजियाबाद। इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के दौरान शिव शक्ति धाम डसना के पीठाधीश्वर जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने 1000 शिष्यों के साथ इजरायल में बसने की अनुमति मांगी है। यति नरसिंहानंद 16 अक्टूबर को दिल्ली स्थित इजरायल दूतावास में जाकर इस संबंध में एक अनुरोध पत्र भी देंगे।
महामंडलेश्वर ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि हमारा और यहूदियों का एक ही दुश्मन है। इस लिए हम दुश्मन को खत्म करने के लिए युद्ध में इजराइल का साथ देना चाहते हैं। महामंडलेश्वर द्वारा जारी वीडियो में यह भी कहा गया है कि आज हम इजरायल के नेताओं और धार्मिक नेताओं से एक अनुरोध करना चाहते हैं। वह हमें इजराइल में बसने की सुविधा दें वह भी हमारी धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं के साथ। क्योंकि जिस बीमारी से वह लड़ रहे हैं हम पिछले 1400 साल से उसे कैंसर के पीड़ित है। हमारा और यहूदियों का एक ही दुश्मन है। वीडियो में महामंडलेश्वर ने कह रहे हैं कि इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से हम हिंदू है हम धार्मिक आस्थाओं पर किसी का विरोध या कत्ल नहीं करते। हम सब की धार्मिक आस्था को स्वीकार करते हैं।

दो दिन पहले मिली है जमानत
तीन दिन पहले हिंदूवादी नेता पिंकी भैया के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई और हिस्ट्रीशीट खुलने के विरोध में डीएम आफिस पर धरना प्रदर्शन हुआ था। महामंडलेश्वर ंभी अपने शिश्यों के साथ इस प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे थे। पुलिस ने रोका तो धक्का-मुक्की में वह गिरकर घायल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने सीएम योगी को लेकर आपत्तिजनक शब्द कहते हुए संदेश दिया था। इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। मुकदमे के बाद वह गिरफ्तारी देने जा रहे थे लेकिन पुलिस ने मंदिर पहुंचकर ही उन्हें जमानत भी दी थी।

पुलिस की बढ़ी टेंशन
महामंडलेश्वर के इस बयान के बाद पुलिस प्रशासन की टेंशन बढ़ गई है। वजह है कि 16 अक्टूबर को उनका इजराइल दूतावास जाने का कार्यक्रम है। ऐसे में उनके शिश्यों ने तैयारी शुरू कर दी है। जबकि पुलिस उन्हें अब किस तरह रोकेगी। यह खुद में अफसरों के सामने बड़ा सवाल है। हालांकि अफसर इस पर लगातार मंथन कर रहे हैं। ताकि समाधान निकल सके।

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