भाजपा विधायक बोले: एएमयू आतंक की प्रयोगशाला, रद्द हो मान्यता

गाजियाबाद। इजराइल व हमास वॉर के बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा हमास के पक्ष में मार्च निकालने का मामला गर्माता जा रहा है। अब बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने राश्ट्रपति को पत्र लिखकर एएमयू की मान्यता रद्द कराने की मांग की है। उन्होंने एएमयू को राश्ट्रविरोधी गतिविधियों और आतंक की प्रयोगशाला करार दिया।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने पत्र में लिखा, आज पूरा विश्व इजराइल में आतंकी संगठन हमास द्वारा की जा रही हत्याओं से दुखी है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजराइल का साथ देने की बात कही है। इसके विपरीत एएमयू में छात्रों द्वारा हमास के पक्ष में रैली निकालना अक्षम्य अपराध है। यह भविष्य के बड़े संभावित खतरों में से एक है। विधायक ने आगे कहा, पूर्व में ये यूनिवर्सिटी आतंकी संगठन सिमी का गढ़ रही है। संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को यहां के छात्रों और प्रोफेसरों ने शहीद बताया था। प्रोफेसर आए दिन खुलेआम हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हैं। हिन्दू छात्र-छात्राओं को पीतल का हिजाब पहनाने की धमकी दी जाती है। इस तरह के सैकड़ों राष्ट्रविरोधी कृत्य इस यूनिवर्सिटी में हुए हैं। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने राष्ट्रपति को भेजे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमास के समर्थन में रैली निकालने पर कठोर कार्रवाई की है, लेकिन ये पर्याप्त नहीं है। भविष्य में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश की एकता और अखंडता के लिए बड़ा खतरा बन सकती है। इसलिए इस यूनिवर्सिटी की मान्यता तत्काल समाप्त की जानी चाहिए। इस पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भी भेजी गई है।

जमकर हुई थी नारेबाजी
छात्रों द्वारा निकाले गए इस मार्च में इजराइल के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई थी। धार्मिक नारे भी लगाए गए थे। वहां कट्टरपंथी का माहौल चरम पर था। ऐसा उन हालात में था, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आतंकी हमले के खिलाफ पूरा भारत इजराइल के साथ है। सीएम योगी ने भी इस मामले में कार्रवाई की बात कही है।

सांसद भी हुए थे नाराज
फलस्तीन के समर्थन में एएमयू छात्रों द्वारा मार्च निकालने पर भाजपा सांसद सतीश गौतम ने भी कड़ी नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि एएमयू के छात्र हमेशा से ऐसा कृत्य करते हैं, जिससे देश में नकारात्मक माहौल बने। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही थी। यह भी दावा किया था कि मार्च निकालने से पहले किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई। कुल मिलाकर एएमयू के छात्रों की हरकत से सियासी गलियारों का माहौल गर्माया हुआ है।

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