प्रयागराज। माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटों ऐजम और आबान को बाल सुधार गृह से रिहाई मिली है। बाल कल्याण समिति की चार घंटे तक चले बैठक में यह फैसला लिया गया। जबकि इसके बाद उन्हें छोड़ा गया है। बुआ को उनकी सुपुर्दगी दी गई है। दोनों बुआ के साथ चले गए।
ऐजम और आबान ने प्रयागराज स्थित बाल सुधार गृह में अभी तक रह रहे थे। अतीक की बहन शाहीन अहमद ने बच्चों की कस्टडी की मांग की थी। 15 अप्रैल 2023 को अतीक और अशरफ की हत्या के बाद उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया था। वहीं बंद लिफाफे में सौंपी गई रिपोर्ट के बाद यूपी सरकार और अतीक अहमद की बहन को जवाब देने के लिए कहा था।
दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड में अतीक के दोनों बेटों ऐजम और आबान का भी नाम सामने आया था। ऐजम ने ही सभी शूटरों और अतीक व अशरफ के मोबाइल नंबर पर फेसटाइम एप के जरिए आइडी बनाकर बात कराई थी। अतीक की बहन शाहीन अहमद ने अपने भतीजों के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शाहीन ने याचिका दायर कर बताया था कि दोनों बच्चे अब सुधार गृह में नहीं रहना चाहते हैं। कोर्ट ने एक स्वतंत्र वकील के जरिए दोनों का बयान भी दर्ज कराया था।
ऐसे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
शाहीन की ओर से सुप्रीमकोर्ट में दायर याचिका में उन्होंने कोर्ट को बताया था कि दोनों बच्चे राज्य से बाहर जाना चाहता हैं। उनको अपने आस-पास के हालात के बारे में पता है। दावा यह भी था कि दोनों पढ़ाई में अच्छे हैं। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद शाहीन अहमद ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कस्टडी दिए जाने के बाद पुलिस ने बुआ के घर की चौकसी बढ़ा दी है। वहां निगरानी की जा रही है। ताकि कोई अप्रिय घटना न होने पाए।
गवाही से लौटते वक्त मारे गए उमेश
बसपा विधायक रहे राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया। हमला उस समय हुआ जब उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर अभी घर के गेट तक ही पहुंचे थे। वह कार से उतरे तभी 4-5 हमलावरों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इसके बाद जब वह घर के अंदर भागे, तो बम से हमला कर दिया। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था।