निज्जर की हत्या के पीछे चीन का हाथ

न्यूयार्क। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे चीन का हाथ है। इसका दावा चाइना कम्युनिस्ट पार्टी पर नजर रखने वाली वाली ह्यूमन राइट एक्टिविस्ट जेनिफर जेंग ने किया है। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा- कनाडा में हुई आतंकी निज्जर की हत्या के पीछे सीसीपी एजेंट्स थे। चीन ने ऐसा भारत और पश्चिमी देशों के बीच फूट डालने के लिए किया।

जेनिफर जेंग अमेरिका की रहने वाली हैं। उनका दावा है कि चीन यह किसी कीमत पर नहीं चाहता कि ताइवान से जुड़ी कोई भी जानकारी या जिनपिंग की मिलिट्री स्ट्रैटजी दुनिया को पता चले। इसलिए एक प्लान के तहत निज्जर की हत्या कर दी। इससे पहले जेंग ने कनाडा में रहने वाले चीनी यूट्यूबर लाओ डेंग का हवाला देते हुए कहा- मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी ने जून में कुछ अधिकारियों को अमेरिका के सिएटल भेजा था। यहां निज्जर की हत्या का प्लान बनाया गया।

फ्लाइट से चीन लौटे एजेंट्स
उनका कहना है कि भारत को फंसाने के लिए निज्जर को मारने वाले एजेंट्स ने भारतीयों के लहजे में अंग्रेजी बोलना सीखा था। निज्जर की हत्या पार्किंग लॉट में हुई थी जिसके बाद एजेंट्स ने सबूत मिटाने के लिए उसकी कार में लगे कैमरे को तबाह कर दिया था। फिर वो कनाडा से फ्लाइट में चीन लौट आए।

निश्पक्ष जांच की पैरवी में अमेरिका
18 सितंबर को जस्टिन ट्रूडो के भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बाद था अमेरिका ने कहा था कि वो दोनों पक्षों के संपर्क में हैं। मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। इसके बाद 22 सितंबर को अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (छै।) जेक सुलिवन ने व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा कि वह इस हत्या के मामले में भारत के खिलाफ जांच में कनाडा के प्रयासों का समर्थन करते हैं। सुलिवन ने कहा था कि कोई भी देश हो, इस तरह के कामों के लिए किसी को भी स्पेशल छूट नहीं मिलेगी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका हत्या पर जवाबदेही चाहता है। ब्लिंकन ने एक प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा था- प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों से हम बेहद चिंतित हैं।

 

दो गोली मारकर हुई हत्या
बता दें कि 18 जून 2023 की शाम कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया स्थित गुरुद्वारा की पार्किंग में खालिस्तान टाइगर फोर्स के चीफ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर पर दो युवकों ने फायरिंग कर दी थी। निज्जर की मौके पर ही मौत हो गई। निज्जर को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा था और इस पर 10 लाख रुपए का इनाम भी था।

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