शूटर तारा शाहदेव जबरन धर्म परिवर्तन केस में सजा का एलान, रकीबुल को आजीवन कारावास, मां को भी 10 साल की सजा

रांची। राष्ट्रीय शूटर तारा सहदेव धर्म परिवर्तन मामले में सीबीआई कोर्ट ने गुरुवार को सजा सुनाई है। कोर्ट ने मुख्य आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। रकीबुल हसन की मां कोशल रानी को 10 साल की कोर्ट ने सजा सुनाई है। साथ ही वहीं हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद को 15 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गयी है।

गुरुवार सीबीआई कोर्ट की विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव से जुड़े 8 साल पुराने मामले में सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीन दोषियों के खिलाफ सजा का ऐलान किया। अदालत ने रकीबुल हसन को आईपीसी की धारा 120बी, 376,323,298,506 और 496 के तहत दोषी माना है। वहीं कौशल रानी को आईपीसी की धारा 120बी,298,506 और 323के तहत दोषी माना है। वहीं हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुस्ताक अहमद को आईपीसी की धारा 120बी और 298 में दोषी पाया है। अदालत ने इससे पहले 30 सितंबर को अपना फैसला सुनाया है। फैसला सुनाते हुए अदालत ने मुख्य आरोपी रकीबुल हसन, उसकी मां कौशल रानी, हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (निगरानी) मुस्ताक अहमद को दोषी करार दिया।

अदालत ने क्या पाया?
सीबीआई की विशेष अदालत ने तीनों को साजिशन जबरन धर्म परिवर्तन करने, धोखे में रखकर शादी करने, प्रतिबंधित मांस खिलाने, मारपीट, कुत्ता से कटवाने और गाली-गलौज करने का दोषी पाया है। इस मामले में ओवरी लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह लोक, अभियोजक रवि कुमार ने 26 गवाहों का बयान दर्ज कराया था। इसके आधार पर अभियुक्तों को दोषी पाया गया। सीबीआई ने इस केस को 2015 में टेक ओवर किया था। सीबीआई की और से आरोप साबित करने के लिए कुल 26 गवाह पेश किए गए। वहीं बचाव पक्ष ने अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए 4 गवाह प्रस्तुत किए। इन्हीं गवाहों के बयान और सीबीआई की ओर से कोर्ट में दिए गए साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अपना फैसला सुनाया।

क्या है तारा शाहदेव मामला
रंजीत सिंह कोहली और तारा शाहदेव की शादी सात जुलाई 2014 को हुई थी। शादी के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन/रंजीत कोहली द्वारा उत्पीड़न और मारपीट की घटनाएं होने लगी थी। धर्म छुपा कर शादी करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। बाद में झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2015 में सीबीआई ने मामले को टेकओवर किया। फिर जांच शुरू की। जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ साल 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी।

ऐसे हुआ था मामले का खुलासा
इस पूरे मामले के खुलासे के संबंध में तारा ने बताया था कि ससुराल में एक दिन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से इफ्तार पार्टी का निमंत्रण मिला। जिसमें जनाब रकीबुल हसन खान के नाम का संबोधन था। यह कार्ड भी तारा ने कोर्ट के हवाले किया था । तारा ने बताया कि उनके बीच दरार तब पैदा हुआ, रंजीत 20-25 हाजी को लेकर घर पहुंच गया और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव देने लगा। इस दौरान विरोध करने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। कई बार कुत्ते से कटवाया गया, ताकि वह डर से धर्म परिवर्तन कर ले। तारा बताती हैं कि रंजीत उर्फ रकीबुल हसन घर से रातभर गायब रहता था। वह सुबह चार बजे आता था। वह क्या काम करता है, आज तक पता नहीं चल पाया। तारा के अनुसार उसकी मेंहदी की रस्म होटल ऑर्किड और शादी होटल रेडिसन ब्लू में हुई थी। शादी के बाद रंजीत उसे मेन रोड स्थित महावीर टावर के पीछे ब्लेयर अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर आर-05 में लेकर रहता था।

बताई थी पूरी कहानी?
करीब डेढ़ महीने अपने कब्जे में रखते हुए उसने न तो खाना-पीना दिया और न ही किसी से मिलने देता था। मैं उसकी पत्नी बनी थी। इसके बाद भी उसके कमरे में जाने के लिए दरवाजा खटखटाना पड़ता था। वह बार-बार कहता था कि तुम्हें इस्लाम धर्म कबूल करना होगा। ऐसा नहीं करने पर तुम्हारा चेहरा सलामत नहीं रहेगा। इस दौरान विरोध करने पर उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। कई बार कुत्ते से कटवाया गया यह सिलसिला लगातार एक महीने से अधिक समय तक शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता रहा है। आखिर अकेले में देर रात तक वह कौन सा साजिश करता था यह किसी को पता नहीं चल सका है।

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