नई दिल्ली। दुर्गा पूजा और दिवाली से पहले मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाले एलपीजी सिलेंडर (Subsidy On LPG Cylinder) पर सब्सिडी बढ़ा दी है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। रक्षा बंधन के मौके पर गैस सिलेंडर के दामों में 200 रुपए की कटौती की गई थी…आज से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की सब्सिडी 200 रुपए से बढ़ाकर 300 की जा रही है।” उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं के जीवन में उज्ज्वला योजना का बहुत बड़ा योगदान रहा है इसलिए अब 200 की जगह 300 रुपए की सब्सिडी मिलेगी।
इन लोगों को मिलेगा फायदा
यह फायदा उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मिलेगा। इस तरह से अब सिलेंडर की कीमत 603 रुपये हो गई है। अब तक सरकार उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को गैस सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी दे रही थी। अब इसे 100 रुपये और बढ़ा दिया गया है। इसके साथ नई सब्सिडी कुल 300 रुपये की हो गई है।
फ्री में मिलता है गैस और चूल्हा
बता दें कि उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। येाजना के लाभार्थियों को पहली बार में गैस सिलेंडर और गैस चूल्हा फ्री में दिया जाता है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि दुनियाभर की एजेंसियों ने उज्ज्वला योजना की तारीफ की है। इससे महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। अब तक इस योजना के तहत 9.60 करोड़ गैस कनेक्शन बांटे जा चुके हैं। अगले तीन वित्त वर्ष में 75 लाख कनेक्शन और दिए जाएंगे। इससे गरीब परिवारों को फायदा होगा। पहला रिफिल और स्टोव इसमें फ्री दिया जाता है। इसका खर्च ऑयल मार्केटिंग कंपनियां उठाती हैं।
बता दें कि पिछली कैबिनेट मीटिंग में मोदी सरकार ने ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के तहत तीन साल में महिलाओं को 75 लाख नए एलपीजी कनेक्शन देने के लिए सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों को 1,650 करोड़ रुपये जारी करने की मंजूरी दी थी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी। अनुराग ठाकुर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि मंत्रिमंडल ने उज्ज्वला योजना के तहत वित्त वर्ष 2025-26 तक तीन वर्षों में 75 लाख नए रसोई गैस कनेक्शन देने पर सहमति जताई। इसके साथ ही इस योजना के तहत लाभान्वित होने वाली कुल महिलाओं की संख्या बढ़कर 10.35 करोड़ हो जाएगी।