गाजियाबाद। जीडीए बोर्ड की 162वीं बैठक में मोदीनगर महायोजना 2031 का प्रस्ताव पारित हो गया। वहीं गाजियाबाद-लोनी महायोजना लैंड यूज तय न होने के कारण अधर में अटक गई। वजह है कि किसान समेत नागरिकों का विरोध लैंडयूज निर्धारण में बाधा बना हुआ है।
शुक्रवार शाम को मेरठ मंडल आयुक्त सेल्वा कुमारी जे की अध्यक्षता में मेरठ मंडल आयुक्त कार्यालय के सभागार में जीडीए बोर्ड बैठक की बैठक हुई, जो देर रात 10:30 बजे तक चली। इसमें गाजियाबाद के मास्टर प्लान समेत वेव सिटी सनसिटी की संशोधित डीपीआर और मेरठ रोड स्थित एक पेट्रोल पंप का प्रस्ताव रखा गया था। करीब 4:30 घंटे चले मंथन के बाद बोर्ड ने मोदीनगर के मास्टर प्लान को अनुमति दे दी। मोदीनगर के मास्टर प्लान को हरी झंडी मिलने से लाजिस्टिक पार्क व ट्रक और बस टर्मिनल बनने का रास्ता साफ हो गया है।
बैठक में एनएच-24 से सटाकर वेबसिटी व सनसिटी बनाने का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन किसानों समेत इलाकाई लोगों ने सुबह से ही विरोध जताना शुरू कर दिया। ऐसे में इस प्रस्ताव को पास नहीं किया जा सका। जिम्मेदारों का कहना है कि आपत्तियां मंगवाई गई हैं। उनका निस्तारण के बाद लैंडयूज तय होगा। ऐसे में अब अगली बैठक में ही प्रस्ताव पर चर्चा संभव है। जीडीए सचिव राजेश कुमार ने बताया कि दुहाई और लोनी में मिक्स लैंड यूज की वजह से दोनों स्थानों पर एक हफ्ते में लोगों से आपत्ति लेकर लैंड यूज तय कर पेश किया जाएगा। केवल मोदीनगर की महायोजना को बोर्ड ने पास कर दिया है।
अब शासन को मास्टर प्लान भेजने की तैयारी
जीडीए सचिव ने बताया कि मोदीनगर का मास्टर प्लान अब शासन को भेजने की तैयारी है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। सप्ताहभर में इसे शासनस्तर पर भेज दिया जाएगा। बोर्ड बैठक में चार प्रस्ताव रखे गए थे। 28 अगस्त को हुई 161वीं बोर्ड बैठक में राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार तालाब, पोखर, झील और नदियों को नहीं दर्शाए जाने पर संसोधन के बाद प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था, जिसे संसोधन के बाद प्रस्तुत किया गया। बोर्ड बैठक की अध्यक्षता सेल्वा कुमारी जे ने किया। वीसी एव डीएम राकेश कुमार सिंह, जीडीए सचिव राजेश कुमार, मुख्य नगर नियोजक सतीश चंद्र गौड़, टाउन प्लानर राजीव रतन समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सदस्यों से लेकर नागरिकों तक विरोध
जीडीए बोर्ड सदस्य पवन कुमार गोयल और राजनीतिक सदस्य केशव त्यागी ने बैठक का बहिस्कार कर दिया। उनका कहना था कि बैठक के एजेंडे की प्रति 15 दिन पहले मिलना चाहिए थी। वहीं वार्ड 24 के पार्षद पवन कुमार गौतम वेवसिटी और सनसिटी के टाउनशिप के विरोध में देर रात तक मंडलायुक्त कार्यालय के गेट पर किसानों के साथ जमे रहे। उन्होंने मंडलायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा। उधर, वेवसिटी निवासियों के साथ सुनील चौधरी ने भी दोनों टाउनशिप में खमियों को लेकर सुबह से मंडलायुक्त कार्यालय पर डेरा डाले रहे। सुनील चौधरी का कहना है कि वेवसिटी का पहला फेज 2006 में पूरा कर दिया गया लेकिन अभी भी बिल्डर की ओर से किए गए वायदे जैसे पेयजल योजना की व्यवस्था पूरी नहीं की गई है।