कैडबरी चॉकलेट की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर 14 लाख की ठगी

गाजियाबाद। कैडबरी चॉकलेट कंपनी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से 14 लाख की ठगी हो घई। रकम ऐंठने के बाद ठग उसे लगातार टालमटोल करते रहे। ठगी का एहसास होने पर इंद्रापुरम थाने में इस घटना का मुकदमा कायम किया गया है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।

शिप्रा सनसिटी के रहने वाले चेतन गोयल की बातचीत महेश नाम के एक व्यक्ति से फोन पर हुई थी। चेतन कुमार की महेश से कैडबरी चॉकलेट की बिजनेस के बारे में बात हुई थी। महेश ने बताया था कि वह कैडबरी चॉकलेट कंपनी में काम करता है और उसको जल्दी बिजनेस शुरू करवा देगा। इसके बाद मेरे पास शिवम नाम के व्यक्ति ने कॉल की शिवम ने बताया कि उसे महेश ने नंबर दिया है। शिवम ने चेतन को ईमेल के जरिए कंपनी के कुछ प्रोडक्ट्स और फॉर्म भेजे थे। इसके बाद चेतन से रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 49 हजार 960 जमा कराए गए थे। इसके अलावा चेतन से यह ठग लगातार कंपनी की पॉलिसी के नाम पर रुपए ठगते रहे। चेतन करीब अब तक 14 लख रुपए दे चुका है। काफी समय बीतने के बाद भी चेतन को जब कंपनी की फ्रेंचाइजी नहीं मिली और जीएसटी के नाम पर 243000 मांगे गए तो उसने इंदिरापुरम थाने में ठगी का मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले में पड़ताल शुरू कर दी है।

आईटी व ठगी की धाराओं में केस दर्ज
इंदिरापुरम थाना पुलिस ने बताया कि चेतन की शिकायत पर आईटी एक्ट और ठगी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। चेतन से 14 लाख रुपए की रकम एक साथ नहीं ली गई है। दोनों शातिर ठगों ने अलग-अलग तारीखों में ठगी की है। पूरे मामले की जांच सब इंस्पेक्टर प्रशांत त्यागी को दी गई है। जल्दी ठगों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की जाएगी।

चंदन नाम के व्यक्ति का है खाता
ठगी का शिकार हुए चेतन बताया कि दोनों ठगों द्वारा जीएसटी के नाम पर भी दो लाख 43000 रुपये मांगे गए, जिससे उन्हें संदेह हुआ। जीएसटी के नाम पर पैसे मांगने के बाद चेतन ने कैडबरी कंपनी के कस्टमर केयर पर बातचीत की तब पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है। जिस खाते में चेतन द्वारा पैसे भेजे गए थे वह खाता किसी चंदन नाम के व्यक्ति के नाम है और करंट अकाउंट भी नहीं है।

इस तरह हुई थी ठगी
चेतन ने बताया कि दोनों ठगों ने उनसे सबसे पहले 49960 रुपए ऑनलाइन अपने खाते में जमा कराए थे। इसके बाद 1 लाख 75 हजार,एनओसी के नाम पर 2 लाख 25 हजार, सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर 3 लाख, फ्रेंचाइजी सर्टिफिकेट के नाम पर 1 लाख 96 हजार और ट्रेड लाइसेंस के नाम पर 4 लाख 54 हजार रुपए की ठगी की गई है।

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