अशरफ का इनामिया साला सद्दाम एसटीएफ ने पकड़ा, उमेश पाल हत्याकांड के बाद से था फरार

बरेली। माफिया अशरफ के साले सद्दाम को बरेली STF ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। वह अपनी प्रेमिका से गुरुवार को मिलने वाला था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद सद्दाम दुबई भाग गया था। कुछ महीने दुबई रुकने के बाद भारत वापस लौटा था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। कई टीमें उसकी तलाश में जुटी थीं।

बरेली STF के सीओ अब्दुल कादिर ने बताया कि सद्दाम मालवीय नगर में DDA के फ्लैट में रुका था। इससे पहले वह बरेली में खुशबू ऐनक्लेव में रहा। सद्दाम ने STF को पूछताछ में बताया कि उसकी गर्लफ्रेंड अनम बरेली की रहने वाली है। वो उसके साथ अभी दिल्ली में रह रही है। आज यानी 28 सितंबर को प्रेमिका के साथ दिल्ली के मॉल में उससे मिलने जाना था। जहां दोनों को शॉपिंग करनी थी। उससे पहले ही STF ने सद्दाम को पकड़ लिया। उसके पास से 2 मोबाइल फोन, एक VERNA कार बरामद की गई है। वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली, कर्नाटक, मुंबई में जगह बदल-बदलकर रह रहा था। सद्दाम को लेकर पुलिस दिल्ली से बरेली पहुंची। इससे पहले एक बर्थडे पार्टी में अपने साथी को केक खिलाते हुए सद्दाम का वीडियो सामने आया था। माना जा रहा है कि सद्दाम से अशरफ और अतीक अहमद के कई राज खुल सकते हैं। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी सद्दाम के न मिलने पर प्रयागराज में उसकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी की जा रही थी।

बिथरी चैनपुर थाने में दर्ज है केस
सद्दाम द्वारा बरेली सेंट्रल जेल में शूटर्स की अवैध तरीके से मुलाकात कराने के मामले का खुलासा होने पर बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में छह मार्च को सद्दम के अलावा जेल अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। तभी से पुलिस को उसकी तलाश थी। क्योंकि सद्दाम अपने साथी लल्ला गद्दी और शूटर्स को लेकर जेल में जाता और उमेशपाल हत्याकांड की साजिश रचता था। उमेश की हत्या से पहले सद्दाम ने ही सेंट्रल जेल में शूटर विजय उर्फ उस्मान, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम समेत नौ लोगों की मुलाकात कराई थी।

सद्दाम 24 फरवरी 2023 को प्रयागराज में हुए उमेशपाल हत्याकांड में शामिल था। इस कांड की पूरी प्लानिंग बरेली सेंट्रल जेल में बनी थी। यहां तक कि शूटर्स को भी सद्दाम ने अतीक के भाई अशरफ से बरेली जेल में ले जाकर मिलवाया था। उमेशपाल हत्याकांड से लेकर अतीक और अशरफ की हत्या की वारदात तक सद्दाम पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। वह लगातार ठिकाने बदलता रहा। कई बार टीम ने सटीक जगह दबिश भी दी लेकिन उसके खुद के नेटवर्क के बलबूते उसे पुलिस कार्रवाई की भनक पहले ही लग जाती और वह गर्म रेत की तरह पुलिस की मुट्ठी से निकल जाता था।

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