गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र में जर्जर भवन के भीतर अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी और बारूद को चिंगारी मिलने के कारण मकान गिरा था। पुलिस की जांच में इस तथ्य की पुष्टि हो चुकी है। वहीं इस गोरखधंधे का मुख्य आरोपी शारिक भी गिरफ्तार कर लिया है। इस हादसे में तीन लोगों की जान गई थी जबकि चार अभी भी मौत से जूझ रहे हैं।
लोनी के रूपनगर इंडस्ट्रियल एरिया में दो मंजिला मकान ढहने और उसमें सात लोगों के मलबे में दबने की घटना ने सिस्टम को हिलाकर रख दिया था। हर तरफ यही चर्चा थी कि आखिरकार ऐसा उस मकान में क्या चल रहा था, जो एक विस्फोट के साथ यह हादसा हो गया। हालांकि प्रशासन ने सबसे पहले मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया। सात लोगों को निकाला गया, इनमें तीन की जीटीबी हास्पिटल में दौरान इलाज मौत हो गई। जबकि चार लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस की शुरूआती जांच में महज यह तथ्य सामने आया कि मकान शारिक नाम के शख्स ने किराए पर लिया था। इस मकान का मालिक रहीसू नाम का व्यक्ति है। मलबे में आतिशबाजी और बारूद मिलने के बाद यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि कहीं न कहीं यहां आतिशबाजी से जुड़ा कारोबार हो रहा था। इसकी पुष्टि के लिए फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया।
ऐसे खुला अवैध कारोबार का राज
फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट में इस तथ्य की पुष्टि हुई कि बरामद बारूद लो एक्पोसिव वैराइटी का है, जो आतिशबाजी में उपयोग किया जाता है। वहीं शारिक को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह मूल रूप से गांव लुमयाना थाना रमाला जनपद बागपत का रहने वाला है। शारिक ने बताया है कि इसमें बच्चों और महिलाओं से काम करवाया जा रहा था। उन्हें किसी भी तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया गया था। न ही फैक्टरी में विस्फोटक सामग्री को व्यवस्थित ढंग से रखने के लिए किसी को जिम्मेदारी दी गई है। फैक्टरी का गेट बाहर से बंद रखा जाता था। इन सब वजहों से ही पुलिस ने शारिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है। शारिक ने भी यही कबूला कि दिवाली का पर्व आ रहा है। ऐसे में उसने काम शुरू कर दिया था। ताकि बनवाई गई आतिशबाजी खपाकर मोटी रकम बना सके।
अभी इन सवालों के जवाब बाकी
शारिक पकड़ा गया और मकान ढहने की वजह बारूद का विस्फोट थी। इन तथ्यों की जानकारी तो पुलिस कर चुकी है। वहीं शारिक इतनी भारी मात्रा में बारूद कहां से लाता था। आतिशबाजी बनाकर किन कारोबारियों को सप्लाई करता था। पूरे सिंडीकेट में और कितने चेहरे उसके साथ जुड़े हैं। इन सभी सवालों के जवाब तलाशना बाकी हैं। डीसीपी विवेक यादव ने बताया कि शारिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत गंभीर घायल करने की धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। बाकी तथ्यों पर जांच जारी है।
अब पूरे मामले पर एक नजर
23 सितंबर को रूपनगर में दो मंजिला मकान धमाके के साथ गिर गया था। मलबे में दबकर अलीशा, अलीना और इमरान की मौत हो गई थी। जबकि चार लोग घायल हुए थे। सभी का इलाज जारी है। इस हादसे के 24 घंटे तक प्रशासन ने मलबे में रेस्क्यू जारी रखा था।
सुपुर्द ए खाक किए गए अलीशा और इमरान
रविवार को अलीशा (9) और इमरान (17) के शव घर पहुंचे। परिजनों ने शवों को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। अलीशा की बहन अलीना (8) के शव का रविवार को पोस्टमार्टम नहीं हो सका। सोमवार को पोस्टमार्टम होने के बाद शव लोनी पहुंचेगा। हादसे में घायल शाहिस्ता, मेबिश, गीता, नूरी का दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है। शाहिस्ता की हालत गंभीर है।