नई दिल्ली। लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विपक्ष के नेता अधीर रंजन के बीच तू-तू मैं-मैं देखने को मिली। दोनों नेताओं के बीच बहस तब गर्मा गई जब, राजनाथ चंद्रयान-3 की सफलता के विषय पर चर्चा में अपनी बात रख रहे थे। उसी वक्त अधीर रंजन चौधरी ने राजनाथ को टोका और चीन पर सवाल पूछ लिया। राजनाथ सिंह ने अधीर रंजन को जवाब दिया- इतिहास में मत ले जाइए। ‘सीना चौड़ा’ करके तैयार हूं।
रक्षा मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत चंद्रयान-3 की कामयाबी पर इसरो को बधाई देने के साथ की। उन्होंने कहा कि हमारे प्राचीन ग्रंथों में भी विज्ञान और विज्ञान से युक्त विचार मिलेंगे। इस दौरान कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें टोका भी हालांकि राजनाथ अपनी बात कहते रहे। उन्होंने कहा कि अगर आप वैज्ञानिक की तरह सोचते हैं तो मूर्ति पूजा कैसे कर सकते हैं, यह कहने वाले भी हमारे देश में हैं। संस्कृत का विरोध करना अब प्रगतिवाद का सूचक हो गया है। पूछा जाने लगा है कि भारतीय संस्कृति और विज्ञान का भला आपस में क्या लेना देना है। विपक्ष के कुछ मित्र यह भी कहते हैं कि भारतीय संस्कृति और विज्ञान एक साथ चल ही नहीं सकते हैं।
कुछ देर बाद राजनाथ ने बताया कि सरकार किस तरह संस्कृति और परंपरा से जुड़ी चीजों को सुरक्षित करने की कोशिश कर रही है। इसी दौरान उन्होंने सुरक्षा का जिक्र कर दिया फिर क्या था अधीर रंजन चौधरी ने तल्ख स्वर में कहा कि चीन के बारे में चर्चा करने की आपमें हिम्मत है? राजनाथ ने कहा कि सीना चौड़ा करके चर्चा करने के लिए तैयार हूं।
आगे अपनी बात पूरी करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आप सभी राष्ट्र के उपयुक्त विकास के लिए अनेक प्रकार की सुरक्षा से अवगत होंगे। सीमा सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के बारे में हम समय-समय पर चर्चा करते रहे हैं। आगे उन्होंने कल्चर सुरक्षा की बात की।
गलवान हिंसा के बाद ज्यादा खराब हुए भारत-चीन रिश्ते
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच रिश्ते पिछले तीन साल से ज्यादा खराब हुए हैं, जब पूर्वी लद्दाख में दोनों सेनाओं के बीच जबरदस्त संघर्ष सामने आया। इस हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। चीनी पक्ष को भी इतना ही नुकसान हुआ था लेकिन, चीनी सेना पीएलए ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया और न ही कभी हताहतों और मृतकों की संख्या का सटीक खुलासा किया।