जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंगलवार को दिल्ली की कोर्ट से राहत नहीं मिली। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में आरोप मुक्त करने की गहलोत की अर्जी को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर मानहानि का केस चलता रहेगा।
सीएम अशोक गहलोत ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर कहा था कि पिछली 3 सुनवाई से शिकायतकर्ता कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा है, ऐसे में कानून के तहत कोर्ट आरोप मुक्त करें। गहलोत के प्रार्थना पत्र पर 14 सितंबर को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए गहलोत के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अदालत से भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत आपराधिक मानहानि के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की थी। अब मूल मानहानि मामले पर न्यायालय में 25 और 26 सितंबर को आगे की सुनवाई जारी रहेगी।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने दायर किया था मानहानि का केस
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम अशोक गहलोत की ओर से संजीवनी घोटाले में उनको और उनके परिवार को आरोपी बताने के मामले में मानहानि का दावा किया था। इस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 जुलाई को सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ समन जारी किया था। इसके खिलाफ गहलोत ने सेशन कोर्ट में रिवीजन फाइल की थी, लेकिन उनको वहां से राहत नहीं मिली थी। रिवीजन कोर्ट ने सीएम गहलोत को केवल वीसी के जरिए पेश होने की छूट दी थी।
गहलोत बोले- एसओजी ने जो बताया वो बोला
रिवीजन कोर्ट में 1 अगस्त 2023 को सुनवाई के दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि मेरे पास गृह विभाग भी है। गृहमंत्री होने के नाते एसओजी मुझे रिपोर्ट करती है। एसओजी ने केस को लेकर जो मुझे जानकारी दी, उसे मीडिया के साथ साझा किया। एसओजी को मिली शिकायत में गजेंद्र सिंह के परिवार का नाम भी है। वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत के वकीलों ने बहस करते हुए कहा था कि हमारा किसी भी शिकायत में नाम नहीं था। मानहानि का केस दर्ज होने के बाद एसओजी ने इस मामले में कथित तथ्य जुटाए।
करीब 6 महीने पहले गहलोत ने दिया था बयान
दरअसल, गहलोत ने 21 फरवरी को सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह के मां-बाप, पत्नी सहित पूरा परिवार शामिल है। इस घटना से पहले भी दोनों नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी होती आई है। करीब 5 माह पहले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का दावा पेश किया था। गजेंद्र सिंह ने संजीवनी घोटाले में उनके परिवार के बारे में दिए गए अशोक गहलोत के बयान को आधार बनाया था।