नई दिल्ली। नई संसद को लेकर सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने एक बड़ा बयान दे दिया है। शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा है कि नई संसद में नमाज पढ़ने के लिए जगह होनी चाहिए थी। ताकि मुस्लिम सांसद नमाज के समय में आसानी से नमाज पढ़ सकें।
शफीकुर्रहमान बर्क से नए संसद भवन में पूजा स्थलों को लेकर बातचीत की। उनसे पूछा गया कि क्या नए संसद भवन में मुस्लिम सांसदों और कर्मचारियों को नमाज पढ़ने के लिए जगह दी जानी चाहिए थी? इस पर बर्क ने कहा कि नमाज पढ़ने की जगह तो पुरानी संसद में भी नहीं थी। उन्होंने कहा कि ये (संसद) नई बनी है। नमाज के लिए जगह के बारे में तो उन्हें सोचना चाहिए। वो नमाज पढ़ने की इजाजत या कोई जगह कैसे बनाएंगे जबकि (उन्होंने) मुसलमानों से नफरत फैला रखी है। हिंदू-मुस्लिम नफरत फैला रखी है तो वो नमाज पढ़ने के लिए जगह क्यों बनाते।
बर्क ने कहा कि लेकिन नई संसद में नमाज पढ़ने के लिए जगह बिल्कुल होना चाहिए। जब मुसलमानों के लिए नमाज का वक्त हो जाता है तो उनके लिए भी कोई जगह होनी चाहिए थी कि वो वहां अल्लाह-अल्लाह कर लेते।
बता दें कि 93 साल की उम्र में शफीकुर्रहमान बर्क नई संसद में सबसे उम्रदराज सांसद होंगे। पुरानी संसद में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने उनका जिक्र भी किया था और कहा था कि ये वही सदन है, जहां शफीकुर्रहमान बर्क जी 93 साल की उम्र में भी अपना योगदान दे रहे हैं।