राहुल नवीन बनाए गए ED के प्रभारी डायरेक्टर, संजय मिश्रा का तीसरा एक्सटेंशन खत्म

नई दिल्ली। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी राहुल नवीन को शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। उनकी नियुक्ति निवर्तमान निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल पूरा होने के बाद की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में मिश्रा के कार्यकाल को 15 सितंबर तक बढ़ाने के साथ यह भी कहा था कि अब उनका कार्यकाल और नहीं बढ़ाया जाएगा।

1993 बैच के आईआरएस अधिकारी नियमित निदेशक की नियुक्ति, या अगला आदेश जारी होने तक इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। नवीन अभी ईडी के विशेष निदेशक हैं। बिहार के रहने वाले राहुल नवीन अपने कुशल व शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। इनके बारे में जांच एजेंसी में कहा जाता है कि वह बहुत कम बोलते हैं लेकिन उनकी कलम बहुत चलती है। कानूनी तरीके से काम करने के साथ ही बहुत सुलझे हुए हैं। राहुल नवीन की गिनती तेज-तर्रार अधिकारियों में की जाती है। नवीन कार्यकारी निदेशक के अलावा ईडी के मुख्य सतर्कता अधिकारी भी हैं।

31 जुलाई तक था संजय का कार्यकाल
संजय मिश्रा को पिछले साल 18 नवंबर को रिटायर होना था। केंद्र ने अध्यादेश के जरिए उनका कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाया था, जबकि कोर्ट पहले ही कह चुका था कि दूसरी बार के बाद संजय मिश्रा का कार्यकाल न बढ़ाया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मिश्रा 31 जुलाई तक पद पर थे। इस दौरान ही सरकार को नए चीफ की नियुक्ति करनी थी। केंद्र सरकार ने 26 जुलाई को संजय कुमार मिश्रा के कार्यकाल को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। केंद्र का कहना था कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स का रिव्यू चल रहा है, इसलिए संजय को 15 अक्टूबर तक पद पर रहने दिया जाए। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को तर्क दिया था कि संजय मिश्रा की जगह लेने के लिए अभी कोई दूसरा अफसर तलाश नहीं किया जा सका है। वे अभी मनी लॉन्ड्रिंग के कई मामलों की निगरानी कर रहे हैं। ऐसे में नई नियुक्ति के लिए हमें थोड़ा और समय चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर तक मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाया था
सरकार के इस तर्क के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम लोगों और देश का हित देखते हुए मिश्रा का कार्यकाल बढ़ा रहे हैं, पर 15 सितंबर को आधी रात के बाद मिश्रा पद पर नहीं रहेंगे। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने कहा कि क्या हमारे सामने ऐसी तस्वीर नहीं रखी जा रही है कि संजय मिश्रा के अलावा पूरा डिपार्टमेंट नाकारा लोगों से भरा हुआ है।

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