नेपाल व भारत सहित कई क्षेत्रों में भूकंप के तेज झटके: धरती कांपी, लोग दहशत में

मंगलवार तड़के नेपाल, भारत, चीन और तिब्बत सहित कई इलाकों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता नेपाल में 7.1 मापी गई। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, इसका केंद्र तिब्बत के शिजांग क्षेत्र में था।
भूकंप के प्रभाव: भारत और नेपाल
बिहार में असर: पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मोतिहारी, बेगूसराय, मुंगेर, शिवहर और सारण जैसे जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के दौरान लोग अपने घरों और इमारतों से बाहर आ गए।
पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत: बंगाल के मालदा और अन्य इलाकों के साथ-साथ सिक्किम और असम में भी धरती हिली।
नेपाल में भारी झटके
नेपाल में भूकंप की तीव्रता सबसे ज्यादा महसूस की गई। झटकों के कारण लोग घरों से बाहर भागे। हालांकि, अभी तक जानमाल के बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लोगों के बीच भारी दहशत का माहौल बना रहा।
एक प्रत्यक्षदर्शी की कहानी
पटना के एक निवासी बिप्लोव अधिकारी ने बताया, “मैं शौचालय में थी, तभी देखा कि दरवाजा तेजी से हिल रहा था। डर के मारे मैं तुरंत बाहर भागी। मेरी मां भी इस स्थिति से घबरा गई थीं।”
भूकंप का कारण: प्लेट टेक्टोनिक्स
भूकंप पृथ्वी की सतह के नीचे होने वाली प्लेट्स की हलचल का परिणाम है। पृथ्वी की चार प्रमुख परतें – इनर कोर, आउटर कोर, मेंटल और क्रस्ट – के बीच मेंटल पर मौजूद प्लेट्स निरंतर घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या खिसकती हैं, तो ऊर्जा का अचानक निकलना भूकंप का कारण बनता है।
तिब्बत के शिजांग में केंद्र: इस बार भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिजांग में रहा, जहां से कंपन पूरे क्षेत्र में फैल गया।
लोगों की प्रतिक्रिया और प्रशासन की सतर्कता
भूकंप के झटकों से लोग दहशत में घरों से बाहर निकल गए। प्रशासन ने लोगों को शांत रहने और खुले स्थानों पर जाने की सलाह दी है। नेपाल और भारत के प्रभावित इलाकों में स्थानीय अधिकारियों द्वारा सतर्कता बरती जा रही है।
ऐसे करें भूकंप के दौरान सुरक्षा
1. मजबूत फर्नीचर के नीचे छुपें और सिर को सुरक्षित रखें।
2. खुले स्थान पर जाएं और इमारतों, पेड़ों या बिजली के खंभों से दूर रहें।
3. लिफ्ट का उपयोग करने से बचें।
4. किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें और प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें।
Exit mobile version