मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान से सियासी बवाल मच गया है। उन्होंने रविवार को एक रैली के दौरान दावा किया कि अगर अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हुआ तो एक और गोधरा कांड हो सकता है।
जलगांव में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का उद्घाटन करते हुए ठाकरे ने कहा कुछ समय बाद अयोध्या में राममंदिर का उद्घाटन होने वाला है। मुझे किसी ने बताया कि बालासाहेब के जन्मदिन वाले दिन की तारीख भी तय हो गई है। मैं इस बात का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे इस दौरान एक बात का डर है। मुझे लगता है कि राम मंदिर के लिए देशभर से लाखों हिंदुओं को बुलाया जाएगा और जब वह लौट रहेंगे तो गोधरा जैसा कांड करा दिया जाएगा।
चुनाव जीतने के लिए रची जाएगी साजिश
उद्धव ठाकरे ने कहा, राम मंदिर के लिए देशभर से हिंदू बस और ट्रेन से आएंगे। जब वह कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापिस लौट रहे होंगे तब बीच में कहीं गोधरा जैसा कांड हो सकता है। कहीं हमला हो सकता है या फिर कहीं किसी बस्ती में पथराव और आग लगे जा सकती है। बसों में आग लगे जा सकती है। ठाकरे ने कहा कि ऐसा करने से पूरा देश एक बार फिर जल उठेगा और फिर वही सब कुछ होगा जो उस समय किया गया था। घरों की होलियां जलाई जायेंगी और वे अपनी राजनीतिक रोटियां सेकेंगे।
भाजपा-आरएसएस पर साधा निशाना
उद्धव ठाकरे ने भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पास ऐसे प्रतीक नहीं हैं, जिन्हें लोग अपना आदर्श मान सकें। लोग सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे दिग्गजों को अपना रहे हैं।
‘भाजपा-आरएसएस की अपनी कोई उपलब्धियां नहीं’
ठाकरे ने कहा कि भाजपा और आरएसएस अब उनके पिता बाल ठाकरे की विरासत पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों की अपनी कोई उपलब्धियां नहीं हैं। ये लोग सरदार पटेल जैसी महानता कभी हासिल नहीं कर सकते हैं।
बता दें, भाजपा अक्सर उद्धव ठाकरे पर 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री बनने के लिए बाल ठाकरे के आदर्शों को त्यागने का आरोप लगाती रही है। पिछले साल जून में शिवसेना में हुए विभाजन के बाद से हमले और तेज हो गए हैं। शिंदे और उद्धव गुट खुद को बालासाहेब ठाकरे की विरासत का असली उत्तराधिकारी बताते हैं। भाजपा और शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना का दावा है कि वे बाल ठाकरे के हिंदुत्व के सच्चे अनुयायी हैं।
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