उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे की क्रांति का गवाह बनने जा रहे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अपनी दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर की दूरी तय करेगा और 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, और इसकी 79 प्रतिशत कार्यप्रगति पूरी हो चुकी है। यह परियोजना न केवल यातायात के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी उत्तर प्रदेश के लिए अत्यंत अहम हैं।
गंगा एक्सप्रेसवे: यात्रा को सहज और सुविधाजनक बनाता गंगा एक्सप्रेसवे का उद्देश्य राज्य के विभिन्न हिस्सों को जोड़ना है, जिससे न केवल यात्रा का समय कम होगा बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, और प्रतापगढ़ जैसे प्रमुख जिलों से होकर गुजरेगा। इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली से उत्तर प्रदेश की प्रमुख सड़कों को जोड़ने का काम किया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
एयरस्ट्रीप का निर्माण: राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मिलेगा बल गंगा एक्सप्रेसवे की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है इसकी एयरस्ट्रीप, जो भारतीय वायुसेना के लिए एक रणनीतिक महत्व रखती है। इस एयरस्ट्रीप का निर्माण शहाजहांपुर में किया गया है, और यह देश की पहली ऐसी एयरस्ट्रीप होगी, जो वायुसेना के फाइटर विमानों के लिए रात में लैंडिंग की सुविधा प्रदान करेगी। इस एयरस्ट्रीप की लंबाई 3.50 किलोमीटर है, और इसके दोनों किनारों पर 250 कैमरे लगाए जाएंगे, जो सुरक्षा को सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही, 2 मई को इस एयरस्ट्रीप पर एक एयर शो आयोजित किया जाएगा, जिसमें फाइटर विमानों की रात में लैंडिंग का प्रदर्शन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निरीक्षण और भविष्य की योजनाएं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने शहाजहांपुर, हापुड़ और हरदोई के विभिन्न निर्माण खंडों का दौरा किया और निर्माण कार्य की गुणवत्ता की समीक्षा की। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि एक्सप्रेसवे का कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से गाजीपुर तक विस्तारित किया जाएगा और फार्रुखाबाद से लिंक एक्सप्रेसवे के माध्यम से बुंदेलखंड क्षेत्र से भी जोड़ा जाएगा। यह परियोजना राज्य के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ते हुए, एक व्यापक परिवहन नेटवर्क का निर्माण करेगी।
निर्माण कार्य की प्रगति गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में विभिन्न चरणों की प्रगति देखी जा रही है। यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के मुताबिक, एक्सप्रेसवे के अर्थ वर्क का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जबकि ग्रेन्यूलर सब बेस (GSB) का 85 प्रतिशत और डेंस बिटुमिनस मैकाडम (DBM) का 82 प्रतिशत काम भी समाप्त हो चुका है। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि परियोजना तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।
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