आंध्र के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू गिरफ्तार, जानिए क्या है कौशल विकास घोटाला?

अमरावती। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को शनिवार सुबह सीआईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व सीएम को उनके कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार में संलिप्ता के आरोपों के कारण उनको गिरफ्तार किया गया है। उन पर 250 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाला का आरोप लगा है। चंद्रबाबू नायडू की कौशल विकास निगम घोटाला के सिलसिले में गिरफ्तारी हुई है।

चंद्रबाबू को तब गिरफ्तार किया जब वे नंदयाल शहर में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद एक बस में आराम कर रहे थे। CID अधिकारी और नंदयाल जिला पुलिस, कुर्नूल रेंज DIG रघुरामी रेड्‌डी की अगुआई में तड़के 3 बजे उस कैंप साइट पर पहुंचे जहां नायडू ठहरे हुए थे।पूर्व सीएम ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘मैं पिछले 45 वर्षों से तेलुगू लोगों की सेवा कर रहा हूं। उनके हितों की रक्षा के लिए मैं अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हूं। इस पृथ्वी पर ऐसी कोई ताकत नहीं है जो मुझे तेलुगु लोगों, आंध्र प्रदेश और मेरी मातृभूमि की सेवा करने से रोक सके।’ चंद्रबाबू नायडू ने लोगों और अपने पार्टी के समर्थकों से संयम बनाकर रखने को कहा। उन्होंने कहा, ‘अंत में सत्य और धर्म की जीत होगी। वे मेरे साथ कुछ भी करें, लेकिन मैं लोगों के लिए आगे बढ़ता रहूंगा।’ वहीं चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद टीडीपी के समर्थकों ने जमकर हंगामा प्रदर्शन काटा। उन्होंने तिरूपति में अन्नपूर्णा सरुकुलु केंद्र में आग लगाकर प्रदर्शन किया। वहीं, महिला समर्थक हैदराबाद के केबीआर पार्क में पार्टी के झंडे के साथ गिरफ्तारी का विरोध कर रहीं हैं। उन्होंने राज्य के सीएम जगनमोहन रेड्डी का पुतला भी जलाया।

क्या है कौशल विकास निगम घोटाला?
एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने के लिए एक योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हैदराबाद और उसके आस-पास के इलाकों में स्थित भारी उद्योगों में काम करने के लिए युवाओं को जरूरी कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाना था। सरकार ने इस योजना के तहत प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी siemens नाम की कंपनी को दी गई थी। कौशल विकास योजना के तहत छह क्लस्टर्स बनाए गए थे। इस परियोजना पर कुल 3300 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे। हर एक क्लस्टर पर 560 करोड़ रुपये खर्च होने थे। तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू सरकार ने कैबिनेट में बताया कि योजना के तहत राज्य सरकार कुल खर्च का 10 फीसदी यानी 370 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना पर बाकी का 90 फीसदी खर्च seimens कंपनी द्वारा किया जाएगा। एन चंद्रबाबू नायडू के ऊपर आरोप लगे हैं कि सरकार द्वारा खर्च किए जाने वाले 370 करोड़ रुपये को शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया। पूर्व सीएम पर आरोप लगे हैं कि शैल कंपनियां बनाकर उन्हें पैसा ट्रांसफर करने से संबंधित दस्तावेज भी नष्ट कर दिए गए।

पूर्व सीएम को किस धारा में गिरफ्तार किया गया है?
चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120 (बी), 166, 167, 418, 420, 465, 468, 201 और 109 के साथ-साथ 34 और 37 के तहत मामले दर्ज किया गया हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- 1988 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। सीआईडी ने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद टीडीपी के कई नेताओं को भी नजरबंद कर दिया गया है। सीआईडी ने चंद्रबाबू नायडू को इस पूरे मामले में आरोपी नंबर वन बनाया है। सीआईडी ने सीआरपीसी की धारा 50(1)(2) के तहत चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की है। पूर्व सीएम के खिलाफ साल 2021 में मामला दर्ज किया गया था।

बता दें कि इस घोटाले की जांच ईडी भी कर रही है। कुछ समय पहले ही ईडी ने इस घोटाले में समलित कंपनी की 31 करोड़ की संपत्ति भी अटैच की थी। ईडी ने इस कंपनी पर आरोप लगाया कि सरकारी योजना का पैसा शैल कंपनियों को ट्रांसफर किया गया साथ ही फर्जी इनवॉइस भी तैयार की थी।

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