नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्ष के गठबंधन ‘INDIA’ के सहयोगी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य में मंत्री उदयनिधि के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान पर हंगामा मच गया है। उदयनिधि ने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही है। उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ एक वकील ने दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज कराई है।
तमिलनाडु प्रगतिशील लेखक एवं कलाकार संघ द्वारा आयोजित की गई बैठक को तमिल में संबोधित करते हुए उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म का उल्लेख ‘सनातनम’ के तौर पर किया। उन्होंने कहा, ”सनातनम क्या है? यह संस्कृत भाषा से आया शब्द है। सनातन समानता और सामजिक न्याय के खिलाफ होने के अलावा कुछ नहीं हैं।” उन्होने कहा, “कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही करना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, हमें उन्हें खत्म करना है। उसी तरह, हमें सनातन धर्म को सिर्फ विरोध करने के बजाय खत्म करना है।
अमित शाह, नड्डा समेत बीजेपी के कई नेताओं ने साधा निशाना
उदयनिधि के बयान के बाद से राजनीति में उबाल आ गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा समेत पूरी बीजेपी हमलावर है। कांग्रेस, डीएमके समेत इंडिया अलायंस पर निशाना साधा गया है। शाह ने रविवार को कहा कि वोट बैंक की राजनीति और तुष्टिकरण के लिए सनातन धर्म का अपमान किया गया है। शाह ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे कह रहे हैं कि सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए। इन लोगों ने वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति के लिए सनातन धर्म की बात की है। उन्होंने (सनातन धर्म का) अपमान किया है।
इसके अलावा, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी की ‘मुहब्बत की दुकान’ में सनातन धर्म से नफरत का सामान कैसे बिक रहा है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि एनडीए गठबंधन जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को विकसित बना रहा है, वहीं परिवारवादी गठबंधन इंडी ‘घमंडिया गठबंधन’ के सबसे बड़े सदस्य द्रमुक के नेता और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन हमारे धर्म संस्कारों संस्कृति पर आघात पहुंचा रहे हैं।
दिल्ली में केस दर्ज
उदयनिधि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस ने उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सनातन धर्म को लेकर उत्तेजक, भड़काऊ और मानहानिकारक बयान देने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120B, 153A, 295, 504 और आईटी एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है।