चंडीगढ़। आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत सिंह कपूर हरियाणा के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनाए गए हैं। मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। वह पीके अग्रवाल की जगह लेंगे, जो कि 15 अगस्त को रिटायर हुए। शत्रुजीत को हाल ही हुए नूंह दंगों के बाद कमान सौंपी गयी है।
शत्रुजीत सिंह कपूर की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) पैनल समिति की बैठक के छह दिन बाद हुई है। हरियाणा के डीजीपी का पद के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों मुहम्मद अकील (1988 बैच), डॉ. रमेश चंद्र मिश्रा (1989 बैच) और शत्रुजीत सिंह कपूर (1990 बैच) को शॉर्टलिस्ट किया गया। शत्रुजीत सिंह 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। शत्रुजीत सिंह हरियाणा के जींद से ताल्लुक रखते हैं।
इससे पहले शत्रुजीत कपूर हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ थे। शत्रुजीत कपूर को बिजली विभाग का चेयरमैन बनाया गया था। उस वक्त पर भी काफी बवाल हुआ था। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले शत्रुजीत कपूर हाल ही में कई मामलों कड़ी कार्रवाई कर चुके हैं। वे कई आईएएस अफसरों पर भी हाथ डाल चुके हैं तो वहीं एचसीएस ऑफिसर के खिलाफ एक्शन लेने में नहीं हिचके हैं।
शत्रुजीत कपूर मुख्यमंत्री मनोहर लाल के करीबी और विश्वसनीय अफसरों में शामिल हैं। उन्होंने बिजली वितरण निगम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के तौर काफी अच्छा काम किया था। इसके बाद ही सरकार ने उन्हें स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (अब एंटी करप्शन ब्यूरो) का डीजी बनाकर नई जिम्मेदारी दी थी। शत्रुजीत कपूर पुलिस सेवा के अलावा सीआईडी के प्रमुख भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं वे परिवहन विभाग में भी काम कर चुके हैं। तब उन्होंने बिजली निगमों के बाद परिवहन निगम को घाटे से उबारने की कोशिश की थी।
जब अनिल विज ने किया था कपूर का विरोध
हरियाणा सरकार ने सितंबर, 2021 में जब शत्रुजीत कपूर को परिवहन विभाग की कमान सौंपी थी तो गृह मंत्री अनिल विज की आपत्ति सामने आई थी। विज की दलील थी कि जो पुलिस ऑफिसर दूसरे कामों में लगें उन्हें वापस लाकर पुलिसिंग में लगाया जाए। तब हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका का विरोध भी सामने आया था, हालांकि बाद में अनिल विज यह कह दिया था कि मुख्यमंत्री सर्वेसर्वा हैं वे कोई भी निर्णय ले सकते हैं।
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