जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से सेना ने आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ तगड़ा एक्शन शुरू कर दिया है। इस कार्रवाई का उद्देश्य आतंकवादियों के नेटवर्क को नष्ट करना और कश्मीर घाटी में शांति कायम रखना है। सेना ने अब तक 7 आतंकवादियों के घरों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है, जिससे साफ संदेश जाता है कि अब आतंकवादियों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी, चाहे वो उनके मददगार ही क्यों न हों।
सुरक्षाबलों की कार्रवाई
25 अप्रैल को देर रात कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के घरों पर बम धमाके कर उन्हें जमींदोज कर दिया। इन घरों में कुछ प्रमुख आतंकवादी शामिल थे, जो कश्मीर में विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ मिलकर लंबे समय से गतिविधियाँ चला रहे थे। त्राल, पुलवामा, शोपियां, और कुलगाम में चलाए गए इस ऑपरेशन में, सुरक्षाबलों ने इन आतंकवादियों के घरों को उड़ाकर एक स्पष्ट संदेश दिया कि अब घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ कोई भी नरमी नहीं बरती जाएगी।
आतंकवादियों के घरों को किया ध्वस्त
मुर्रान पुलवामा में आतंकवादी एहसान उल हक के घर को ध्वस्त किया गया। यह आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ था और लंबे समय से सुरक्षाबलों के खिलाफ जंग लड़ रहा था।
कुलगाम में आतंकवादी जाकिर अहमद गनिया के घर को भी विस्फोट से नष्ट कर दिया गया। जाकिर 2023 से ही सक्रिय था और आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त था।
शोपियां के चोटिपोरा में आतंकवादी शाहिद अहमद कुटे का घर भी नष्ट कर दिया गया। शाहिद 2002 से कश्मीर में सक्रिय था और कई आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है।
कुलगाम के मतलहामा में आतंकवादी जाहिद अहमद के घर को भी निशाना बनाया गया।
पुलवामा के काचीपोरा में LeT आतंकी हारिस अहमद के घर को भी तबाह कर दिया गया।
आतंकी की बहन का बयान
इस कार्रवाई के बाद आतंकवादी के परिवार के सदस्यों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। एक आतंकवादी की बहन ने सुरक्षाबलों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने कहा कि “मेरा एक भाई जेल में है और दूसरा मुजाहिदीन है। जब मैं ससुराल से अपने घर आई, तो घर पर मेरे माता-पिता और भाई-बहन नहीं थे। मुझे बताया गया कि पुलिस उन्हें ले गई है। फिर, सुरक्षाबल आए और मुझे पड़ोसी के घर भेज दिया। मैंने देखा कि एक जवान ने हमारे घर की छत पर बम जैसी चीज रखी और फिर घर गिरा दिया गया। हम पूरी तरह से बेगुनाह हैं। हमें बेवजह सजा मिल रही है।”
सेना का स्पष्ट संदेश
सेना की इस कार्रवाई का उद्देश्य कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ एक कठोर रुख अपनाना है। यह संदेश साफ है कि आतंकवादियों और उनके मददगारों को अब बख्शा नहीं जाएगा। पहलगाम हमले के बाद से सेना ने कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया है, जिनमें आतंकवादियों के घरों को निशाना बनाया गया है।
कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ सेना का यह एक्शन स्पष्ट करता है कि अब आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई कश्मीर में शांति और सुरक्षा बहाल करने के उद्देश्य से उठाया गया एक मजबूत कदम है, और आने वाले दिनों में इस प्रकार की और कार्रवाई की संभावना बनी हुई है।
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