गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र सहजनवा में एथेनॉल प्लांट का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि आज से 10 साल पहले सपा सरकार इस क्षेत्र में बूचड़खाना लगाना चाहती थी लेकिन तब हमने संघर्ष किया, आंदोलन किया और यहां बूचड़खाना लगने से रोका। सपा सरकार बूचड़खाना लगाकर इस क्षेत्र को प्रदूषित करना चाहती थी आप सोचिए अगर बूचड़खाना लग जाता तो क्या आप वहां काम कर पाते।
सीएम योगी ने कहा कि एथेनॉल प्लांट और डेयरी की स्थापना से किसान की आय दोगुनी होगी साथ ही युवा खुशहाल और रोजगार युक्त होगें। देश-विदेश की सरकार का विदेशी मुद्रा भंडारण भी किसान और युवाओं की खुशहाली पर खर्च होगा। योगी ने कहा कि एथेनॉल प्लांट किसानों के खेत की घास और सड़े गले अनाज से संचालित होकर, पेट्रो उत्पाद तैयार करेगा, जो हमारी आपकी गाड़ी में डीजल पेट्रोल के लिए उपयोगी बनेगा। खास बात यह होगी कि यहां के लोगों को ऐसा जरूरी उत्पाद उसके सहजनवा क्षेत्र से उपलब्ध हो सकेगा। इसे कहीं दूर से नहीं मंगाना होगा।
सीएम योगी ने कहा कि आज जिस स्थान पर आज एथेनॉल प्लांट और डेयरी की स्थापना हो रही है, वहां आज से 10 साल पहले प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार में गीडा क्षेत्र में बूचड़खाना स्थापित किया जाना था जिससे न सिर्फ आसपास का वातावरण खराब होता बल्कि चील कौवे लोगों के घरों और सिर पर मडंराते। लोगों के जानवर पर भी खतरा खूब रहता। यहां के स्थानीय लोग और युवा इसमें काम करना नहीं चाहते जबकि बीजेपी सरकार में यहां का माहौल खुशनुमा, समृद्धि और खुशहाली वाला है। प्रदेश सरकार ऐसे ही उद्योगों की स्थापना की ओर बढ़ चली है, जिससे प्रदूषण कम हो और वातावरण प्रभावित न हो।
क्या है एथेनॉल प्लांट
वर्तमान समय में विश्व भर में एथेनॉल बेस्ड पेट्रोल-डीजल की मांग बढ़ रही है। एथेनॉल की उत्पादन प्रक्रिया में फसल या खाद्य पदार्थों के अपशिष्ट या अन्य चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, इससे वायु प्रदूषण कम होता है। एथेनॉल प्लांट में गन्ना, मक्का, सूखे चावल और किसी भी खाद्यान्न के बचे हुए कचरे का उपयोग किया जाता है। इससे प्रोड्यूस होने वाले जैविक ईंधन एथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है।
किसानों को होगा फायदा
गोरखपुर के सहजनवां में बनने वाले इस प्लांट से सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश व बिहार के किसानों को भी फायदा होगा। इसके लगने से गन्ना, मक्का,चावल सहित अन्य खाद्यान्नों की मांग बढ़ेगी। प्रतिदिन कई हजार क्विंटल खाद्यान्नों की जरुरत पड़ेगी। जिसका सीधा फायदा लाखों किसानों को होगा। एथेनॉल प्लांट के लगने से क्षेत्र व आस- पास के दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। जो लोग बाहर जाकर रोजगार की तलाश कर रहे हैं उन्हें घर में ही काम मिलेगा। केयान डिस्टलरीज की 31 एकड़ में लग रही यूनिट में 300 किलो लीटर प्रतिदिन एथेनॉल और 200 किलो लीटर प्रतिदिन ईएनए का उत्पादन होगा।