गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एनडीटीवी के साथ एक खास इंटरव्यू में कहा कि वह ‘वोट बैंक की राजनीति’ में शामिल नहीं हैं और इसलिए कांग्रेस के विपरीत वो राजनीति को मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों से नहीं जोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि हमें मुस्लिम वोट नहीं चाहिए।
असम के सीएम ने कहा, ‘आप लोग मत दीजिए मुझे वोट और अगले 10 सालों में मुझे आपके इलाकों का विकास करने दीजिए। मैं इस बात को सुनिश्चित करना चाहता हूं कि कहीं भी बाल विवाह की प्रथा ना बचे, मदरसों में जाना बंद हो। मदरसों के बजाय अपने बच्चों को कॉलेज भेजिए। जल्द ही प्रदेश में ऐसे सात कॉलेजों का उद्घाटन होने जा रहा है, जो केवल मुस्लिम बेटियों के लिए होंगे।’
‘अगले 10-15 सालों में मुस्लिमों के विकास के लिए काम करूंगा’
हिमंत बिस्वा ने कहा, ‘मुसलमानों को इस बात को समझने की जरूरत है कि भाजपा का उनसे जुड़ाव वोटों के लिए नहीं, बल्कि उनके विकास के लिए है। कांग्रेस की सरकार में मुस्लिम इलाकों में कोई स्कूल नहीं बनाया गया, कोई इमारत नहीं खड़ी की गई। लेकिन, मैं उन लोगों के विकास के लिए काम करना चाहता हूं। अगले 10-15 सालों में मैं उनके विकास के लिए काम करूंगा और इसके बाद मुस्लिमों से कहूंगा कि अब आप मुझे अपना वोट दीजिए। अगर, मैं अभी मुस्लिमों से उनके वोट मांगता हूं, तो ये एक ऐसा रिश्ता होगा, जिसमें एक हाथ ले-दूसरे हाथ दे की परंपरा होगी। और, मैं उनके साथ ऐसा रिश्ता नहीं बनाना चाहता।’
असम के मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘2016 में, 2020 में…चुनाव प्रचार के दौरान मैं मुस्लिम इलाकों में नहीं गया। मैंने कहा था कि जब जीत जाऊंगा, तब उनके पास जाऊंगा। इस बार भी मैंने कह दिया है कि आपका जिसे मन हो, उसे वोट दीजिए, लेकिन मैं मुस्लिम इलाकों में चुनाव प्रचार नहीं करूंगा।’